उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक-2022 में जबरन धर्म परिवर्तन के दोषियों के लिए तीन साल से लेकर 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है. अपराध करने वाले को अब कम से कम पांच लाख रुपये की मुआवज़ा राशि का भुगतान भी करना पड़ सकता है, जो पीड़ित को दी जाएगी.