भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में जश्न मनाते हुए एक जुलूस निकाला और कहा कि कश्मीर को 5 अगस्त को आज़ादी मिली थी.
श्रीनगर स्थित 14वीं सदी की मस्जिद के प्रबंधन निकाय अंजुमन औकाफ़ ने कहा कि सोमवार को फ़ज्र की नमाज़ के बाद पुलिसकर्मियों ने जामिया मस्जिद के दरवाज़े बंद कर दिए और औकाफ़ को बताया कि सुबह 9 बजे होने वाली ईद की नमाज़ मस्जिद में पढ़ने की इजाज़त नहीं दी गई है.
जामिया मस्जिद की प्रबंध संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने कहा कि इन प्रतिबंधों के लिए अधिकारियों द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया है. वहीं, कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज़ ने एक बयान में कहा कि शासकों द्वारा तथाकथित सामान्य स्थिति के सभी दावे ऐसे जनविरोधी क़दमों से विफल हो जाते हैं.
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लद्दाख के शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने क्षेत्र में छठी अनुसूची की मांग को दोहराते हुए कहा कि डर यह नहीं है कि लोग भारत के ख़िलाफ़ हो जाएंगे, डर यह है कि भारत के लिए प्यार कम हो जाएगा और ऐसा होना उस देश के लिए ख़तरनाक है जो चीन का सामना कर रहा है.
लद्दाख में संविधान की छठी अनुसूची लागू करने और पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग के समर्थन में इंजीनियर एवं नवप्रवर्तक सोनम वांगचुक पांच दिन का ‘क्लाइमेट फास्ट’ कर रहे हैं. विरोध को ख़त्म करने की कोशिश में प्रशासन ने उनसे एक बॉन्ड पर साइन करने के लिए कहा है, जिसमें कहा गया है कि वह कोई बयान नहीं देंगे या एक महीने तक लेह में किसी सार्वजनिक सभा में भाग नहीं लेंगे.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बीते 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नज़रबंद रखने की अनुमति देते हुए कहा था कि उसके आदेश का क्रियान्वयन 48 घंटे के अंदर किया जाना चाहिए.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बीते 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नज़रबंद रखने की अनुमति देते हुए कहा था कि उसके आदेश का क्रियान्वयन 48 घंटे के अंदर किया जाना चाहिए. हालांकि सोमवार शाम तक वह जेल में ही थे, क्योंकि उनकी रिहाई की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकी हैं.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के मुंबई की तलोजा जेल में पर्याप्त चिकित्सा और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी के मद्देनज़र घर में नज़रबंदी के अनुरोध को स्वीकारते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट को ख़ारिज करने की कोई वजह नहीं है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एक शादी में पट्टन जाना चाहती थीं, इसलिए उन्हें नज़रबंद किया गया. उन्होंने जोड़ा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री के मौलिक अधिकारों को इतनी आसानी से निलंबित किया जा सकता है, तो आम लोगों की पीड़ा के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. पुलिस के उनके दावे का खंडन पर उन्होंने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के वकील ने अदालत को बताया कि वे कैंसर से जूझ रहे हैं और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की ज़रूरत है. इसके अलावा वे दांत और त्वचा संबंधी एलर्जी से पीड़ित हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि चिकित्सकीय इलाज एक क़ैदी का मौलिक अधिकार है.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई की तलोजा जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मूलभूत सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए नज़रबंदी के अनुरोध वाली उनकी याचिका ख़ारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की याचिका को ख़ारिज करते हुए एनआईए की विशेष अदालत ने कहा कि प्रथमदृष्टया आवेदक के ख़िलाफ़ मौजूद सबूत के मद्देनज़र वह ज़मानत के हक़दार नहीं हैं.
पुलिस ने शुक्रवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फारूक़ को जामिया मस्जिद में नमाज़ अदा करने के लिए अपने घर से निकलने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि नागरिक के तौर पर उनके अधिकार छीने जा रहे हैं, जबकि उपराज्यपाल ने एक स्पष्ट बयान दिया था कि उनकी आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है.
महाराष्ट्र की तलोजा जेल में एल्गार परिषद मामले में गिरफ़्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जेल अधिकारियों ने प्रसिद्ध अंग्रेज़ी लेखक पीजी वुडहाउस की एक किताब देने से इनकार कर दिया. अधिकारियों ने तर्क दिया था कि इससे 'सुरक्षा को ख़तरा' हो सकता था.