पश्चिम बंगाल पुलिस ने दावा किया कि हावड़ा ज़िले में छापेमारी के दौरान भाजपा नेता सब्यसाची घोष के स्वामित्व वाले होटल से दो नाबालिग लड़कियों और चार महिलाओं को बचाया गया है. भाजपा ने आरोपियों ने कोई भी संबंध होने से इनकार करते हुए इसे संदेशखाली मुद्दे से ध्यान भटकाने का सत्तारूढ़ टीएमसी का प्रयास क़रार दिया.
भारतीय जनता पार्टी के नेता अब खुलकर रामनवमी में हिंसा का उकसावा कर रहे हैं. और वे सरकारों में हैं. उन्होंने इसे हिंदुत्व के लिए गोलबंदी का ज़रिया बना लिया है. अब रामनवमी उन राज्यों में भी मनाई जाने लगी है जहां इसका रिवाज न था.
गुरुवार को रामनवमी के अवसर पर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, कर्नाटक, बिहार, गुजरात राज्यों से दो समुदायों के बीच झड़प की खबरें आई हैं. महाराष्ट्र के संभाजीनगर, पश्चिम बंगाल के डलखोला और कर्नाटक के हासन में सांप्रदायिक टकराव में लोगों की जान गंवाने की भी सूचनाएं आई हैं.
गुजरात के साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. एक दिन बाद फिर दो समुदायों के लोगों ने एक दूसरे पर पथराव किया. हिंसा को लेकर तीन मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, झारखंड के लोहरदगा ज़िले में रामनवमी के अवसर पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात शहरों में रविवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़प हो गई. मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. झारखंड के लोहरदगा ज़िले में पथराव और हमले में दर्जनों लोग घायल हो गए हैं और बंगाल में भी हावड़ा के शिबपुर इलाके में झड़प की ख़बर है.
आलिया विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अनीस ख़ान शुक्रवार रात हावड़ा के अमता इलाके में अपने घर के बाहर मृत पाए गए थे. उनके माता-पिता का आरोप है कि उनके बेटे की तलाश में आए चार पुलिसवालों ने उन्हें इमारत की छत से फेंक दिया. अनीस की मौत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री ने एसआईटी को पंद्रह दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
यह घटना हावड़ा के टिकियापाड़ा की है. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का उल्लंघन करते हुए लोग बड़ी तादाद में स्थानीय बाजार में जमा हो गए थे.
पश्चिम बंगाल के हावड़ा ज़िले का देउलपुर गांव कभी बांस की जड़ों से पोलो गेंद तैयार करने के लिए जाना जाता था, लेकिन आज इस कारोबार से जुड़े लोगों के हुनर की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
यूपी में पिछले एक महीने से कम समय में तीसरा हादसा, अब तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.