कृषि आंदोलन की सफलता को लेकर उत्तर प्रदेश के कैराना में आयोजित महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में लोगों से कहा कि वह कैराना पलायन जैसे मुद्दों से सतर्क रहें, क्योंकि यह उनके बीच में दरार पैदा करने की कोशिश है.
साल 2016 में भाजपा के पूर्व सांसद हुकुम सिंह ने दावा किया था कि 2013 के दंगों से प्रभावित शहरों में से एक कैराना से क़रीब 350 हिंदुओं को अपराधियों की धमकी मिली थी. इसके बाद शामली ज़िला प्रशासन ने एक सर्वेक्षण कर कहा था कि कथित जबरन वसूली की धमकी के बाद केवल तीन परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया था.
कैराना उत्तर प्रदेश की उन तीन सीटों में शामिल है, जहां 2018 के उपचुनाव में भाजपा हार गई थी. भाजपा ने इस सीट से इस बार गुर्जर नेता हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह का टिकट काटकर प्रदीप चौधरी को टिकट दिया है. वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग बता रहे हैं प्रदीप चौधरी को उनकी ही पार्टी से ख़तरा है.
गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक देवबंद में हिंदू परिवारों के पलायन से संबंधित कोई मामला सूचित नहीं किया गया है.
आम तौर पर उपचुनाव या स्थानीय चुनाव परिणाम को प्रधानमंत्री से जोड़कर नहीं देखा जाता, लेकिन जब प्रधानमंत्री हर छोटे-बड़े चुनाव में पार्टी का स्टार प्रचारक बन जाएं तो ऐसे में हार को उनकी छवि और गिरती साख से अलग कर पाना मुश्किल हो जाता है.
2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सका था.
उत्तर प्रदेश में कैराना सीट पर लोकसभा उपचुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है. यहां मुख्य मुक़ाबला भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल के बीच है. राष्ट्रीय लोक दल को सपा, बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई छोटे दलों का समर्थन प्राप्त है.