पुलिस ने बताया कि शहर में सांप्रदायिक हिंसा के अगले दिन 11 अप्रैल को एक अज्ञात शव मिला था. खरगोन में फ्रीज़र की सुविधा उपलब्ध न होने के चलते शव को पोस्टमार्टम के बाद इंदौर के अस्पताल में रखा गया था. वहीं, मृतक इब्रेश ख़ान के परिवार का आरोप है कि 12 अप्रैल को कुछ लोगों ने उसे पुलिस की हिरासत में देखा था.