सरकार चालू वित्त वर्ष में हिंदुस्तान ज़िंक में कुछ हिस्सेदारी बेचेगी: दीपम सचिव

केंद्र सरकार के पास इस समय हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है. सरकार ने 2002 में इसका 26 प्रतिशत हिस्सा वेदांता समूह को बेच दिया था. वेदांता ने नवंबर 2003 में बाज़ार से 20 प्रतिशत और सरकार से 18.92 प्रतिशत हिस्सा और ख़रीद लिया था. इसके बाद उसकी हिस्सेदारी इसमें बढ़कर 64.92 प्रतिशत हो गई है.

सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की दिशा में काम आगे बढ़ा: वित्तीय सेवा विभाग सचिव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए इस साल सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की मंशा जताई थी. सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज़ बैंक के निजीकरण की सिफ़ारिश की है.

आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया जारी: शीर्ष अधिकारी

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने बताया कि आईडीबीआई बैंक में बेची जाने वाली हिस्सेदारी की मात्रा प्रचार-प्रसार ख़त्म होने के बाद पता चल जाएगी. फिलहाल आईडीबीआई बैंक का प्रबंधकीय नियंत्रण एलआईसी के पास है. सरकार के पास इस बैंक की 45.48 फ़ीसदी हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी के पास 49.24 फ़ीसदी हिस्सा है.

फंसे क़र्ज़ में बढ़ोतरी से जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.5 गुना बढ़ा सरकारी बैंकों का घाटा

जुलाई-सितंबर तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल घाटा पिछले साल तुलना में करीब साढ़े तीन गुना बढ़कर 14,716.20 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक को इस तिमाही में सबसे ज़्यादा घाटा हुआ है.