संशोधित नियमों के तहत केंद्र को गंभीर कदाचार या अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए पेंशनभोगी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए अब राज्य सरकार से संदर्भ (रिफरेंस) का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक, अब ख़ुफ़िया संगठन में काम कर चुके कर्मचारी के ख़िलाफ़ संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने वाली किताबें लिखने पर कार्रवाई हो सकती है.