पुलिस ने कहा कि आईआईटी मद्रास में पिछले तीन महीने के दौरान यह इस तरह की चौथी घटना है. 31 मार्च को यहां से पढ़ाई कर रहे एक पीएचडी छात्र ने, 14 मार्च को आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने और 13 फरवरी को स्नातकोत्तर के एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
बीते 13 फरवरी को आईआईटी मद्रास में महाराष्ट्र के 27 वर्षीय रिसर्च स्कॉलर ने आत्महत्या कर ली. उसी दिन कैंपस में एक अन्य छात्र ने अपनी जान लेने की, जिसे बचा लिया गया. इन घटनाओं के बाद परिसर में विरोध की एक नई लहर शुरू हो गई है. छात्रों का कहना है कि आत्महत्याओं को रोकने के लिए प्रबंधन द्वारा बहुत कम प्रयास किया गया है.