नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन रोकने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय दो दिन के लिए बंद

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं. हालांकि छात्रसंघ भवन के सामने इकट्ठा होकर छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.

जामिया में पुलिस कार्रवाई के ख़िलाफ़ लखनऊ से लेकर हैदराबाद, मुंबई में छात्रों ने दिखाई एकजुटता

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित नदवा कॉलेज में प्रदर्शन के दौरान पथराव. दिल्ली विश्वविद्यालय और हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार किया. बनारस में बीएचयू, कोलकाता में जाधवपुर विश्वविद्यालय और मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस में भी प्रदर्शन. देश के तीन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने भी किया विरोध.

‘इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा न मिलने से आईआईटी मद्रास निराश, एचआरडी को लिखा पत्र

आईआईटी मद्रास की ओर से कहा गया है कि इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस की दौड़ में उसे नज़रअंदाज़ किए जाने का असर छात्र-छात्राओं के मनोबल पर पड़ा है. इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस के तहत रिलायंस फाउंडेशन के प्रस्तावित जियो इंस्टिट्यूट को चुना गया है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 273: बदहाल नगरीय व्यवस्था और जियो इंस्टिट्यूट

जन गण मन की बात की 273वीं कड़ी में विनोद दुआ नगर निकायों के कुप्रबंधन के चलते आम जनता को हो रही मुश्किलों और रिलायंस के जियो इंस्टिट्यूट को बनने से पहले ही उत्कृष्टता का दर्जा मिलने पर चर्चा कर रहे हैं.

जियो इंस्टिट्यूट विवाद: एक अजन्मे संस्थान का ‘श्रेष्ठ’ हो जाना मोदी सरकार में ही संभव था

वीडियो: मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा ‘इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस’ की सूची में रिलायंस फाउंडेशन के कागज़ी इंस्टिट्यूट को जगह मिलने पर हुए विवाद पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

अस्तित्व में आने से पहले ही रिलायंस के जियो इंस्टिट्यूट को मिला उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा

मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा 'इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस' का दर्जा पाने वाले आईआईटी दिल्ली और मुंबई, आईआईएससी और बिट्स-पिलानी जैसे संस्थानों के साथ रिलायंस फाउंडेशन के इस कागज़ी इंस्टिट्यूट को जगह मिली है.

उत्तर प्रदेश में प्रदूषण के चलते बढ़ रही हैं असमय मौतें, लखनऊ में सालाना 4 हज़ार लोगों की मौत

एक अध्ययन के अनुसार कानपुर में प्रदूषण के चलते सालाना करीब 4 हज़ार से अधिक मौतें हो जाती हैं. वहीं लखनऊ में हर दिन औसतन 11 लोग प्रदूषण के चलते जान गंवा रहे हैं.