कर्नाटक के गृह मंत्री ने इसे हिरासत केंद्र कहने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि इसे इसलिए तैयार किया गया है ताकि देश में वीज़ा अवधि से ज़्यादा वक़्त से रह रहे और मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त अफ्रीकी नागरिकों को रखा जा सके.
जिस नागरिकता क़ानून को गांधी जी और भारतीयों ने आज से 113 साल पहले विदेशी धरती पर नहीं माना, उस औपनिवेशिक सोच से निकले सीएए और एनआरसी को हम आज़ाद भारत में कैसे स्वीकार कर सकते हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन साल से अधिक समय तक रखे गए अवैध विदेशियों को सशर्त रिहा किया जा सकता है, बशर्ते ये अपनी बायोमीट्रिक जानकारी मुहैया कराएं.
संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि 1985 से अगस्त 2018 तक कुल 1,03,764 लोगों को अवैध विदेशी घोषित किया गया है. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 1985 से अगस्त 2018 तक 94,425 लोगों को अवैध विदेशी घोषित किया गया.