उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले का मामला. ग़ैर-ज़मानती वॉरंट जारी होने के बाद ज़िले के मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल रविवार को एक बालू कारोबारी कन्हैया यादव को गिरफ़्तार करने के लिए पहुंचा था. पीड़ित परिवार का आरोप है कि एक पुलिसकर्मी ने इस दौरान कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और ज़ोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई.
ईडी ने पिछले साल नवंबर में अवैध रेत खनन के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था. यह मामला शहीद भगत सिंह नगर थाने में 2018 में दर्ज एफ़आईआर पर आधारित है, जिसमें भारतीय दंड संहिता और खान एवं खनिज अधिनियम, 1957 के तहत आरोप लगाए गए थे.
मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले का मामला. ज़िला खनन अधिकारी की शिकायत के आधार पर यह एफ़आईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने छह पत्रकारों पर अभद्रता करने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. पत्रकारों ने इससे इनकार किया है. पत्रकार दो ठेकेदारों से संबंधित अवैध रेत खनन के मामले को लेकर उनसे बयान लेने गए थे.
पत्रकार आशीष सागर पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में केन नदी में अवैध बालू खनन की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. आरोप है कि ज़िले के पैलानी क्षेत्र की अमलोर मौरम खदान से नियमों का उल्लंघन कर बालू निकाला जा रहा है, जिसके चलते नदी एवं पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है. इस संबंध में ज़िला प्रशासन से शिकायत की गई है. वहीं इलाके के एसडीएम का कहना है कि अवैध खनन नहीं हो रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में इसके द्वारा नियुक्त सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी को निर्देश दिया था कि वे राज्य में रेत खनन से संबंधित आरोपों पर विचार कर इसे रोकने के लिए एक रिपोर्ट पेश करें. रिपोर्ट में कमेटी ने राज्य सरकार के साथ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की भी आलोचना की है.