सरकारी जांच एजेंसियों द्वारा छापे मारे जाने और गिरफ़्तारी के डर के चलते अधिकतर लोग चुप रहने का ही विकल्प चुनेंगे.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा अभिनेता सोनू सूद और उनके संगठन पर 20 करोड़ रुपये की कर चोरी का आरोप लगाए जाने के बाद उन्होंने यह बयान जारी किया है. अभिनेता और उनके लखनऊ स्थित रियल एस्टेट फर्म पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद बोर्ड ने दावा किया था कि यह पाया गया है कि सोनू सूद ने कई फ़र्ज़ी संस्थाओं से फ़ज़ी तरीके से ऋण के रूप में ‘बेनामी आय’ अर्जित की.
आयकर विभाग ने अभिनेता सोनू सूद के घर और लखनऊ स्थित कारोबारी समूह के परिसरों पर 15 सितंबर को छापेमारी की थी. सीबीडीटी का कहना है कि सोनू सूद और उनके सहयोगियों के परिसरों की छापेमारी के दौरान कर चोरी से संबंधित साक्ष्य मिले हैं.
मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सरकार के अन्य आलोचकों को ख़ामोश कराने के लिए कर चोरी और वित्तीय अनियमितता जैसे राजनीति से प्रेरित आरोप लगा रही है.
बताया जा रहा है कि अभिनेता सोनू सूद के घर पर की जा रही जांच टैक्स चोरी के आरोपों और लखनऊ में किए गए एक संपत्ति सौदे से जुड़ी है. इससे पहले बुधवार को आयकर विभाग के अधिकारी कथित कर चोरी मामले की जांच के सिलसिले में सूद से जुड़े मुंबई के कुछ परिसरों में पहुंचे थे.