एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने स्वतंत्र न्यायपालिका की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि आज विभिन्न चुनौतियां है, जिनका सामना न्यायपालिका को करना है. हमें हर तरह के दबाव, हमले या किसी भी तरह के हस्तक्षेप को सहन करना है. एक संपन्न लोकतंत्र होने के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका होना ज़रूरी है.
द वायर के साथ बातचीत में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि जैसा उत्तर प्रदेश में चल रहा है, ऐसा ही चलता रहा तो क़ानून या पुलिस की ज़रूरत ही नहीं रहेगी. जो भी हो रहा है वो मनमाना है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने रिटायर होने के बाद अपने विदाई भाषण में कहा कि एक सभ्य भारत के लिए यह हम सब की ज़िम्मेदारी है कि न्यायपालिका को मज़बूत करें.