यूपी में दलित और पिछड़ी जातियों के बीच में काम कर रहे सामाजिक न्याय आंदोलन की पृष्ठभूमि वाले जातीय समूहों में बिखराव इतना बढ़ गया है कि हर दलित जाति के अपने संगठन बन चुके हैं या प्रक्रिया में हैं. दलित व पिछड़े वर्ग के आधार पर खड़ी मानी जाने वाली बसपा व सपा सरकारों ने भी बीते सालों में अपने जातीय समर्थन समूहों को निराश ही किया है.