केरल सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा कि भारत में स्वतंत्र पत्रकारिता का कमज़ोर होना लोकतंत्र के पतन को दर्शाता है.
1992-93 के मुंबई दंगों के कारणों की जांच करने वाले आयोग के अध्यक्ष रहे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा ने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दो पेशों को निश्चित रूप से स्वतंत्र होना चाहिए, एक न्यायाधीश का और दूसरा पत्रकार का. अगर उन्हें रोका जाएगा तो लोकतंत्र को नुकसान होगा.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक समारोह में कहा कि मीडिया को स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन यदि मीडिया स्वतंत्र है तो इसका दुरुपयोग भी किया जा सकता है. अगर एनजीओ स्वतंत्र हैं तो उन्हें इस तरह इस्तेमाल करने का प्रयास किया जाता है कि देश की पूरी व्यवस्था ठप हो जाए. यदि न्यायपालिका स्वतंत्र है तो क़ानूनी प्रणाली का इस्तेमाल कर विकास कार्यों को रोकने या धीमा करने का प्रयास किया जाता है.
अडानी समूह ने पूर्व में उद्योगपति मुकेश अंबानी से जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था, जिसने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का ऋण दिया था. अब अडानी समूह की कंपनी ने इस ऋण को समाचार चैनल में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है.
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब किसी मीडिया संस्थान के अन्य व्यावसायिक हित होते हैं तो वह बाहरी दबावों के प्रति संवेदनशील हो जाता है. अक्सर व्यावसायिक हित स्वतंत्र पत्रकारिता की भावना पर हावी हो जाते हैं. नतीजतन, लोकतंत्र से समझौता होता है.
न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संस्थापक और सीईओ अभिनंदन सेखरी ने इस मुक़दमे को लेकर कहा कि यह परेशान करने वाली बात है कि ऐसा उन लोगों द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खड़ा होना चाहिए. इससे पहले बीते महीने इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा कॉपीराइट उल्लंघन की शिकायत किए जाने पर यूट्यूब ने न्यूज़लॉन्ड्री के यूट्यूब चैनल को फ्रीज़ कर दिया था.
न्यूज़लॉन्ड्री पोर्टल के सह-संस्थापक अभिनंदन सेखरी ने कॉपीराइट उल्लंघन के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अगर कोई न्यूज़ वेबसाइट आलोचना, टिप्पणी या ख़बरों के विश्लेषण के लिए किसी अन्य समाचार संगठन की वीडियो फुटेज का इस्तेमाल करती है तो इसमें कॉपीराइट उल्लंघन का मामला बनता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायतों के पीछे की मंशा उन्हें काम करने से रोकना है.
इस फैसले का विरोध करते हुए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एसोसिएट प्रेस ने इस दौरे की कवरेज न करने का निर्णय लिया है. एजेंसी ने कहा कि आधे से भी कम दर्शकों को प्रवेश की अनुमति देने के बावजूद स्वतंत्र मीडिया के एक या दो फोटोग्राफरों को प्रवेश की अनुमति न देते हुए कहा गया कि आयोजकों द्वारा दी तस्वीरों का इस्तेमाल करें.
सामूहिक रूप से 2.6 करोड़ मासिक पाठक वर्ग वाले तीनों बड़े अख़बार समूहों का कहना है कि मोदी के पिछले महीने लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से चुनकर सत्ता में आने से पहले ही उनके करोड़ों रुपये के विज्ञापनों को बंद कर दिया गया.
अपने देश में प्रेस की आज़ादी बचाए रखने के लिए दिया जाता है यह अवॉर्ड.