कनाडाई अख़बार द ग्लोब एंड मेल ने बुधवार को एक अज्ञात 'वरिष्ठ राष्ट्रीय-सुरक्षा' अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट दी है कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या और अन्य हिंसक साज़िशों के बारे में पता था.
कनाडा में सांसदों और सीनेटरों के समूह की रिपोर्ट कहती है कि भारत रूस की जगह लेते हुए वहां की लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए दूसरे सबसे महत्वपूर्ण विदेशी ख़तरे के रूप में उभरा है. उनका आरोप है कि भारत की दख़ल की कोशिशें कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों का मुकाबला करने से कहीं आगे जा रही हैं.
भारतीय नागरिक के रूप में पहचाने गए 22 वर्षीय अमरदीप सिंह पर हत्या और हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाया गया है. इससे पहले जांचकर्ताओं ने बीते 3 मई को भी तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ़्तारी दर्शाई थी.
भारत में कनाडा के उच्चायोग ने कहा कि देश में सुचारु संचालन के लिए उपलब्ध कनाडाई कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यह कठिन लेकिन ज़रूरी निर्णय था. बयान के मुताबिक, स्थानीय कर्मचारियों की संख्या भारत में बचे लगभग 20 राजनयिकों से अधिक है.
केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 26 नवंबर से किसानों का प्रदर्शन जारी है. भारत ने किसान प्रदर्शनों के बारे में दुनियाभर के नेताओं और वैश्विक संस्थाओं की टिप्पणियों को ‘भ्रामक’ और ‘गैर जरूरी’ बताया है और कहा है कि यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से जुड़ा विषय है.
केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 26 नवंबर से किसानों का प्रदर्शन जारी है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था, जिसे भारत ने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बताने के साथ कनाडाई राजदूत को तलब कर इससे दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचने की चेतावनी दी थी.