लद्दाख: चीनी सेना ने बफ़र ज़ोन में चार टेंट लगाए, भारतीय सेना की आपत्ति के बाद तीन हटाए गए

पूर्वी लद्दाख में चुशुल के पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने बताया कि उन्हें ‘ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि चीनी सेना ने बफ़र ज़ोन में गुरुंग हिल्स के टेबल टॉप इलाके में चार टेंट लगा दिए थे. भारतीय सेना द्वारा उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताने के बाद तीन टेंट हटा दिए गए थे, चौथा तंबू हटाने की प्रक्रिया में था’.

चीन ने दो भारतीय पत्रकारों को वापस जाने को कहा, अपने पत्रकारों संग अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया

जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के पत्रकारों के एक दूसरे के यहां काम को लेकर को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है.

भारत द्वारा चीनी पत्रकारों को निकाले जाने पर चीन ने कहा- वह ‘उचित जवाबी उपाय’ करेगा

1980 के दशक के बाद पहली बार भारत में चीन का कोई रिपोर्टर नहीं है. सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी और चाइना सेंट्रल टेलीविजन के अंतिम दो पत्रकारों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है. चीन ने कहा है कि अपने मीडिया संगठनों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी उपाय करने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं है.

चीन ने तीसरी बार अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलकर अपने नाम दिए

चीन ने रविवार को भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदलकर अपने नाम दे दिए हैं. जिन क्षेत्रों का नामकरण किया गया है, उनमें दो आवासीय क्षेत्र, पांच पर्वत शिखर और दो नदियां शामिल हैं. बीते छह सालों में अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने का यह चीन का तीसरा प्रयास है. भारत ने इस क़दम को ख़ारिज किया है.

2017 में डोकलाम में जहां भारत-चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था, वहां चीन ने गांव बसाया: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से खुलासा किया गया है कि वर्ष 2017 में डोकलाम पठार पर जिस जगह भारतीय और चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था, वहां से नौ किलोमीटर पूर्व में चीन ने एक गांव बसा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के निर्माण से चीन उन जगहों पर अपनी सेना तैनात कर रहा है, जहां से भारतीय सीमा के विशेष तौर पर संवेदनशील इलाकों को ख़तरे में डाल सके.

बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे भारतीय राजनयिक

भारत सरकार ने घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास का कोई भी राजनयिक 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेगा, क्योंकि चीन ने गलवान घाटी में हुई झड़प में शामिल एक सैन्य कमांडर को इन खेलों का मशालवाहक बनाया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के इस क़दम को ‘खेदजनक’ क़रार दिया है.

स्थिति नाज़ुक, गलवान की पुनरावृति को ख़ारिज नहीं किया जा सकता: रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर

रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर का कहना है कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. पीएलए भारत के दावे वाली सीमारेखा के भीतर बुनियादी ढांचा सुदृढ़ कर रहा है. इस लिहाज़ से गलवान घाटी की घटना के बाद भारत कम अनुकूल स्थिति में है.