जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के पत्रकारों के एक दूसरे के यहां काम को लेकर को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है.
1980 के दशक के बाद पहली बार भारत में चीन का कोई रिपोर्टर नहीं है. सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी और चाइना सेंट्रल टेलीविजन के अंतिम दो पत्रकारों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है. चीन ने कहा है कि अपने मीडिया संगठनों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए उचित जवाबी उपाय करने के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं है.
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने संसद में पेश एक रिपोर्ट में कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ टकराव के बीच चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कमतर दिखाने की कोशिश की है और इस बात पर ज़ोर दिया है कि चीन की मंशा सीमा पर स्थिरता कायम करना और भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को गतिरोध से होने वाले नुकसान से बचाना है.