पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भेजा गया न्योता रद्द नहीं किया.
भारतीय प्रधानमंत्री ने 'पायलट प्रोजेक्ट' वाला बयान देकर साबित किया कि घृणा से गढ़े गए स्वभाव की तुच्छता किसी भी क्षण की गंभीरता और किसी पद की गरिमा से बाधित नहीं होती.
आज की मास्टर क्लास में अपूर्वानंद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे मौजूदा तनाव पर चर्चा कर रहे हैं.
भारत पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करने की कोशिश इसलिए की क्योंकि स्थितियों का बिगड़ना न पाकिस्तान के हक़ में होगा न भारत के.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जब देश वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनन्दन की वापसी के लिए व्याकुल है तो उस वक्त प्रधानमंत्री सत्ता में बने रहने के लिए व्याकुल हैं.
बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि हम दशकों से जंग के शिकार रहे हैं और इसके मायने जानते हैं. इसलिए मैं दोबारा कहता हूं कि हमें बातचीत से अपने मसले हल करने चाहिए.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद किस तरह मीडिया असली मुद्दे से हटकर राजनीति करने पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है, मीडिया बोल की 87वीं कड़ी में उर्मिलेश वकील एमएम अंसारी और वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा से इस बारे में चर्चा कर रहे हैं.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को लेकर एयर वाइस मार्शल कपिल काक और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पाकिस्तानी सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने बताया कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी को भारतीय विज्ञापनों पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने लगाया आरोप.
इस बेकरी की शुरुआत साल 1947 में भारत- पाकिस्तान बंटवारे के बाद भारत आए एक सिंधी शख्स खानचंद रामनामी ने की थी. रामनामी कराची से हैदराबाद आए थे इसीलिए उन्होंने बेकरी का नाम कराची बेकरी रख दिया.
पुलवामा हमले के बाद हालात ऐसे हैं कि भाजपा इसका राजनीतिक लाभ लेने के लोभ से बच ही नहीं सकती. नरेंद्र मोदी के लिए इससे बेहतर और क्या होगा कि नौकरियों की कमी और कृषि संकट से ध्यान हटाकर चुनावी बहस इस बात पर ले आएं कि देश की रक्षा के लिए सर्वाधिक योग्य कौन है?
इससे पहले 17 फरवरी को जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक के साथ चार अन्य अलगाववादी नेताओं शब्बीर शाह, हाशिम कुरैशी, बिलाल लोन और अब्दुल गनी भट की सुरक्षा वापस ले ली थी.
आज़ादी के इतिहास को देखने पर यह पता चलता है कि तत्कालीन नेताओं ने आज़ादी को प्राप्त करने हेतु अपने-अपने मार्गों पर चलने का कार्य किया परंतु एक मार्ग पर चलने वाले ने दूसरे मार्ग पर चलने वाले नेताओं को कभी भी राष्ट्रद्रोही नहीं कहा.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के विचारों को धैर्य से सुना गया होता, उस पर सोचा गया होता और उनकी राजनीतिक साख पर विचार किया गया होता तो उनके ख़िलाफ़ ऐसा निराश और हताश करने वाला दुष्प्रचार न चला होता.