केंद्र सरकार द्वारा रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना के विभिन्न राज्यों में व्यापक विरोध के बीच विपक्ष ने इस योजना को देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है. बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू और पंजाब में भाजपा के साथ जुड़े अमरिंदर सिंह ने भी योजना पर पुनर्विचार की मांग की है.
केंद्र सरकार दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करके 'अग्निपथ' योजना लेकर आई है, जिसके तहत युवाओं को चार साल के अनुबंध पर सेना में नौकरी पर रखा जाएगा. इसके विरोध में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने बिहार, यूपी और राजस्थान में विरोध प्रदर्शन किए हैं. पूर्व सैन्य अधिकारियों और विपक्ष ने भी योजना पर सवाल उठाए हैं.
संशोधित नियमों के अनुसार, नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ अन्य अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा सकता है. दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से यह पद रिक्त है.
लद्दाख के तुकतुक सेक्टर में थल सेना के 26 कर्मियों को ले जा रहा वाहन सड़क से फिसलकर क़रीब 50-60 फुट की गहराई में श्योक नदी में गिर गया. अब तक सात जवानों को मृत घोषित किया जा चुका है, बाक़ी 19 सैनिक घायल हैं, जिनको इलाज के लिए हरियाणा के पंचकुला में सैनिक अस्पताल ले जाया गया है.
बीते गुरुवार को मध्य कश्मीर के बडगाम ज़िले में चादूरा स्थित भीड़भाड़ वाले तहसील कार्यालय में घुसकर 35 वर्षीय कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद आतंकियों ने शुक्रवार को पुलवामा में एक पुलिस कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर गोली मारकर उनकी जान ले ली. राहुल की मौत के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया.
देश के सुरक्षा बल राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हैं, जिसे नफ़रत और कट्टरता चाहने वाली ताक़तें पसंद नहीं करती हैं.
गृह मंत्रालय की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1990 के दशक से 2020 के बीच जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के कारण 14,091 नागरिकों और सुरक्षा बल के 5,356 जवानों की जान गई. कश्मीरी पंडितों के अलावा, आतंकवाद की वजह से कुछ सिख और मुस्लिम परिवारों को भी घाटी से जम्मू, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा.
रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सेना द्वारा आयोजित इफ़्तार आयोजन की कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए धर्मनिरपेक्षता की परंपरा बताया गया था, जिस पर निशाना साधते हुए सुदर्शन न्यूज़ के प्रमुख सुरेश चव्हाणके ने कहा था कि धर्मनिरपक्षता की बीमारी भारतीय सेना में भी घुस गई है. इसके तुरंत बाद ही पीआरओ ने ट्वीट डिलीट कर दिया.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भारत 1965 और 1971 के 62 युद्ध बंदियों सहित 83 लापता सैन्यकर्मियों की राजनयिक एवं अन्य उपलब्ध माध्यमों के जरिये रिहाई और उन्हें स्वदेश वापस भेजने की पाकिस्तान से मांग कर रहा है. सरकार ने यह जानकारी थल सेना के अधिकारी कैप्टन संजीत भट्टाचार्य की मां द्वारा दायर याचिका पर दी है. उनका बेटा 24 साल से अधिक समय से पाकिस्तान की जेल में क़ैद है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने ऐसे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए पिछले साल एक पोर्टल की शुरुआत की है, जो अत्याचार के कारण घाटी छोड़ने के लिए विवश हुए और जिनकी संपत्ति जबरन ले ली गई. केंद्र सरकार ऐसे लोगों की संपत्ति वापस लौटाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इस संभावित निर्णय के तहत सैनिकों को तीन साल के अनुबंध पर रखकर प्रशिक्षित किया जाएगा. साथ ही वे उग्रवाद विरोधी अभियानों, ख़ुफ़िया जानकारी इकट्ठा करने सहित विभिन्न क्षेत्रों में सेवा देंगे. तीन साल होने पर अधिकांश सैनिकों को सेवामुक्त कर दिया जाएगा.
18 जुलाई 2020 को जम्मू के राजौरी के तीन मज़दूर इम्तियाज़ अहमद, मोहम्मद अबरार और अबरार अहमद को अमशीपुरा में सेना के कुछ जवानों ने आतंकी बताते हुए फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मार गिराया गया था. सेना ने 62 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन भूपेंद्र सिंह के ख़िलाफ़ कोर्ट मार्शल की कार्यवाही शुरू की है. उन्होंने अमशीपुरा में फ़र्ज़ी मुठभेड़ की थी और कहा था कि इस दौरान तीन आतंकियों को मार गिराया गया है.
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर चले आंदोलन के अगुवा और प्रमुख चेहरा रहे थे. उन्होंने गुर्जर समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत करने के लिए यह आंदोलन चलाया था. साल 2007 व 2008 में चले इस आंदोलन में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि पिछले एक दशक में अर्द्धसैनिक बलों के 1,205 जवानों ने आत्महत्या की है, जिनमें सर्वाधिक मामले वर्ष 2021 में आए.
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने राज्यसभा में बताया कि फ़र्ज़ी खबरें फैलाने वालों और राष्ट्र विरोधी सामग्री के प्रकाशन पर कार्रवाई करते हुए यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित 60 से अधिक एकांउट पर रोक लगा दी गई है. टेक फॉग ऐप के बारे में पूछे जाने पर मुरुगन ने कहा कि सरकार ने तथ्यों की जांच करने के लिए एक इकाई स्थापित की है.