असम और पश्चिम बंगाल की राजनीति और समाज पर सीएए का क्या प्रभाव होगा?

वीडियो: लोकसभा चुनावों से ठीक पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियम अधिसूचित होने के बाद से असम में इसका ख़ासा विरोध हो रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इसे विभाजनकारी बताते हुए लागू न करने की बात कह चुकी है. इसी विषय पर द वायर की ब्यूरो चीफ संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

‘सीएए बराबरी और इंसाफ़ के उसूल के ख़िलाफ़ है’

वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आम चुनावों से ठीक पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियम अधिसूचित किए जाने को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

सीएए नियमों पर रोक लगाने की मांग को लेकर आईयूएमएल, डीवाईएफआई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सीएए नियमों के अमल पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि यह एक ऐसा क़ानून है जो धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पर प्रहार करता है, जो संविधान की मूल संरचना है.

सीएए को लेकर क्या झूठ बोल रही है सरकार; क्या मुस्लिमों को डरने की ज़रूरत है?

वीडियो: केंद्र सरकार द्वारा आम चुनावों से ठीक पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किए जाने के बारे में बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

सीएए नियमों पर विपक्ष ने कहा- भाजपा लोकसभा चुनावों में ध्रुवीकरण की कोशिश रही है

संसद द्वारा कानून पारित होने के चार साल बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किया. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ और धार्मिक भावनाओं का फायदा उठाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले ‘विभाजनकारी’ अधिनियम को फिर से जीवित कर दिया है.

भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करेगी: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सीएए नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया है, न कि ‘किसी की नागरिकता छीनने’ के लिए. हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है. सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता, क्योंकि क़ानून में इसका कोई प्रावधान नहीं है.

एक दशक में क़रीब 70,000 भारतीयों ने पासपोर्ट सरेंडर किए, 40 प्रतिशत गोवा में

भारतीय मूल के व्यक्तियों को दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए किसी और देश का नागरिक बनने पर भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करना होता है. विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, 2011 से 2022 के बीच गोवा में सर्वाधिक पासपोर्ट सरेंडर किए गए. इसके बाद पंजाब दूसरे व गुजरात तीसरे स्थान पर रहा.

सरकार ने संसद में कहा- राष्ट्रीय एनआरसी पर अब तक कोई निर्णय नहीं

संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को तैयार करने पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

वर्ष 2011 के बाद 16 लाख से अधिक लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी: सरकार

केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2011 के बाद से भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या 16,63,440 है. इनमें से 2,25,620 भारतीय ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले साल भारतीय नागरिकता छोड़ी है.

अच्छे दिन नहीं आए, नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की संख्या 2014 से 1.7 गुना बढ़ी: कांग्रेस

कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2022 के पहले 10 महीनों में 1,83,741 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी, यानी हर दिन 604 लोग देश छोड़कर गए. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि ‘अच्छे दिन’ भारत में क्यों नहीं आए, रोज़ उच्च आय श्रेणी वाले भारतीय नागरिकता क्यों छोड़ रहे हैं?

असम में एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में अनियमितताएं: कैग रिपोर्ट

बीते सप्ताह असम विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में कहा गया कि एनआरसी अपडेट प्रक्रिया के लिए बेहद सुरक्षित और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर विकसित करने की ज़रूरत थी, लेकिन ऑडिट में इस संबंध में उपयुक्त योजना नहीं होने की बात सामने आई. इसके अलावा धनराशि के उपयोग में भी विभिन्न अनियमितताएं पाई गईं.

केंद्र तीन देशों के ग़ैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता पाने की राह आसान बनाएगा: रिपोर्ट

एक सरकारी सूत्र ने बताया है कि गृह मंत्रालय पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए छह अल्पसंख्यक समुदायों - हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, बौद्ध और जैन - के सदस्यों के नागरिकता आवेदन को आगे बढ़ाने के लिए सहायक दस्तावेज़ के रूप में एक्सपायर्ड पासपोर्ट और वीज़ा को स्वीकार करने के लिए नागरिकता पोर्टल में बदलाव करने वाला है.

2011 के बाद से 16 लाख से अधिक भारतीयों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी: केंद्र

विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में बताया है कि अकेले 2022 वर्ष में अक्टूबर तक 1,83,741 लोग भारतीय नागरिकता छोड़ चुके हैं. 

नौ राज्यों के 31 डीएम पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान के ग़ैर-मुस्लिमों को नागरिकता दे सकेंगे

केंद्रीय गृह मंत्रालय की वर्ष 2021-22 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र ने अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता देने का अधिकार 2021-22 में और 13 ज़िला कलेक्टरों और दो राज्यों के गृह सचिवों को सौंपा गया है.

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