बीते जून माह में लंदन की एक कंपनी की रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत की सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के डेटा की चोरी में अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी (आईएमएसआई) नंबर, सिम कार्ड की जानकारी और होम लोकेशन रजिस्टर (एचएलआर) के विवरण समेत काफ़ी मात्रा में अन्य संवेदनशील डेटा शामिल है.
सीईआरटी-इन कंप्यूटर सुरक्षा संबंधी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है. इसे केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने आरटीआई अधिनियम के दायरे से छूट दी है, जिसकी वजह जानने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने आवेदन डाला था.
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) हैकिंग और फिशिंग जैसे साइबर सुरक्षा ख़तरों से निपटने का काम करती है. यह क़दम एप्पल के सिक्योरिटी नोटिफिकेशन और लगातार रिपोर्ट किए जा रहे नए डेटा उल्लंघनों एवं सुरक्षा संबंधी घटनाओं के बीच उठाया गया है. विशेषज्ञों ने कहा कि अब इस संगठन से पारदर्शिता की मांग करना और कठिन हो जाएगा.