ऑक्सफैम इंडिया ने कहा है कि विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत दिए जाने वाले लाइसेंस का नवीनीकरण करने से इनकार के सरकारी फैसले से देश के 16 राज्यों में संगठन के चल रहे अहम कार्य बुरी तरह से प्रभावित होंगे. इनमें ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करना, जीवन रक्षक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर आपूर्ति करना जैसे कार्य शामिल हैं.
आईआईटी दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ऑक्सफैम इंडिया सहित लगभग 6,000 संस्थानों के विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण की मियाद ख़त्म हो गई है. इन संस्थानों ने या तो अपने एफसीआरए लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया या गृह मंत्रालय ने उनके आवेदनों को ख़ारिज कर दिया है.
ऋषिकेश, पटना और भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के तीन रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अलावा कई अन्य संगठनों ने आरोप लगाया है कि रामदेव जनता को गुमराह कर रहे थे और ग़लत तरीके से यह पेश कर रहे थे कि एलोपैथी कोविड-19 से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए ज़िम्मेदार थी. उन्होंने कथित तौर कहा था कि एलोपैथिक डॉक्टर मरीज़ों की मौत का कारण बन रहे थे.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही ढिलाई के मद्देनज़र कहा है कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह ज़रूरी हैं, लेकिन इसके लिए कुछ और महीने इंतज़ार किया जा सकता है. आईएमए ने सभी राज्यों से लोगों की भीड़भाड़ को रोकने की अपील की है.
रामदेव द्वारा एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस बताने को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके ख़िलाफ़ शिकायतें दर्ज की गई हैं. रामदेव ने कुछ प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने के साथ अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
उत्तराखंड के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे अवैध ठहराया. संगठन ने कहा है कि एलोपैथी के बारे में जाने बिना आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक दवाएं कैसे लिख सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों की इस सबंध में स्पष्ट राय है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथी की प्रैक्टिस नहीं कर सकते, क्योंकि वे इसके योग्य नहीं हैं.
देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चिंता जताई थी कि कोरोनिल सहित कोविड-19 के लिए अस्वीकृत दवाओं का उपयोग करने से मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है. इस तथ्य के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा पतंजलि उत्पादों की खरीद को स्वीकृति दी गई.
आईएमए की छत्तीसगढ़ इकाई के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि रामदेव की भ्रम पूर्ण जानकारी और वक्तव्य के कारण आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से ठीक हो रहे 90 फीसदी से ज़्यादा मरीज़ आशंका की स्थिति में आ जाएंगे.
नेपाल में कोरोनिल किट के वितरण पर रोक के बाद आयुर्वेद और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग ने कहा कि कोरोनिल की खरीद के दौरान उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था. साथ ही यह कोरोना वायरस को ख़त्म करने वाली दवाओं के बराबर नहीं है. इससे पहले भूटान ने इस दवा के वितरण पर पाबंदी लगाई थी.
आईएमए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह भी कहा कि महामारी संबंधी फेक न्यूज़ और स्वास्थ्य मंत्रालय की मंज़ूरी के बिना किसी भी व्यक्ति द्वारा कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए तथाकथित ‘चमत्कारिक दवाओं’ को बढ़ावा देकर आम जनता को मूर्ख बनाने के प्रयासों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए.
एम्स के एक डॉक्टर द्वारा एक बड़े कारोबारी संस्थान के मालिक रामदेव को लिखा गया पत्र.
एलोपैथी पर योग गुरु रामदेव की टिप्पणी से नाराज़ रेजिडेंट डॉक्टरों के एसोसिएशन के परिसंघ ने कहा है कि वे एक जून को देशभर में प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने रामदेव से बिना शर्त के सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने को भी कहा है. इसी बयान पर आईएमए की पश्चिम बंगाल इकाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है.
वीडियो: रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने बयान को भले ही वापस ले लिया, लेकिन विवाद अभी ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. बीते दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने एक टीवी बहस के दौरान रामदेव को फ़टकार लगाई थी. डॉ. लेले से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली के आईपी स्टेट थाने में दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 की स्थिति का लाभ उठाने के लिए एलोपैथिक दवाओं और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अन्य संबद्ध उपचार तकनीकों के बारे में भ्रामक और ग़लत बयानबाज़ी की है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि कोविड-19 के एलोपैथिक इलाज के ख़िलाफ़ दुष्प्रचार वाला अभियान चलाने के लिए रामदेव पर तत्काल राजद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए. संगठन ने रामदेव को मानहानि का नोटिस भी भेजा है. इस बीच रामदेव का एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वो कथित तौर पर कह रहे हैं कि उनके बाप भी उन्हें गिरफ़्तार नहीं कर सकते हैं.