गलत जेंडर पहचान, यौन हिंसा और उत्पीड़न: भारतीय जेलों में ट्रांसजेंडर होने की नियति

जहां देश में एक तरफ ट्रांसजेंडर पहचान रखने वाले लोगों के लिए क़ानूनी अधिकारों की बात होना शुरू हो रहा है, वहीं दूसरी ओर देश की जेलों में बंद ऐसे लोग ज़रूरी हक़ों और सुविधाओं से भी महरूम हैं.

भारत की जेलों में महिला क़ैदियों की ज़िंदगी केवल शोक के लिए अभिशप्त है…

जेलें क़ैदियों को उनके अपराध के आधार पर वर्गीकृत कर सकती हैं, लेकिन जेलों, ख़ासतौर पर महिला जेलों में वर्गीकरण सिर्फ अपराधों से तय नहीं होता है. यह सदियों की परंपराओं और अक्सर धर्म द्वारा स्थापित नैतिक लक्ष्मण रेखा लांघने से जुड़ा है. ऐसे में भारतीय महिलाएं जब जेल जाती हैं, तब वे अक्सर जेल के भीतर एक और जेल में दाख़िल होती हैं.

देश की जेलें महिला क़ैदियों के लिए कितनी अनुकूल हैं?

दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में गिरफ़्तार गर्भवती सफूरा ज़रगर तिहाड़ जेल में हैं और अदालत में जेल अधीक्षक का कहना था कि उन्हें सभी ज़रूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. हालांकि देश की जेलों की स्थिति पर आए आंकड़े और सूचनाएं बताते हैं कि भारतीय जेलें गर्भवती महिला क़ैदियों के लिहाज़ से मुफ़ीद नहीं हैं.

व्यभिचार पर दंडात्मक प्रावधान समानता के अधिकार का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत 158 वर्ष पुरानी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 497 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही है.

समलैंगिकता को अपराध न मानने पर एलजीबीटीक्यू के प्रति भेदभाव भी ख़त्म हो जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर करने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ऐसे लोगों के साथ भेदभाव ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डाला है.

फ़ेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाते हुए प्रशांत भूषण ने मधु किश्वर के ख़िलाफ़ केस दर्ज ​कराया

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया है कि सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करने पर मधु किश्वर के ख़िलाफ़ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. उनके झूठ के पर्दाफ़ाश करने का वक़्त आ गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध मानने वाली धारा 377 के ख़िलाफ़ याचिका संविधान पीठ को सौंपी

आईपीसी की धारा 377 कहती है कि जो कोई भी किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करता है तो इस अपराध के लिए उसे उम्रक़ैद की सज़ा होगी.

भारत की बदहाल जेलों पर कोई बात क्यों नहीं करता?

जेलों पर ज़रूरत से ज़्यादा बोझ और कर्मचारियों की कमी के चलते भारतीय जेलें राजनीतिक रसूख वाले अपराधियों के लिए एक आरामगाह और सामाजिक-आर्थिक तौर पर कमज़ोर विचाराधीन कैदियों के लिए नरक हैं.

यूपी, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान समेत 19 राज्यों में नहीं दर्ज हुआ कार्यस्थल पर यौन-उत्पीड़न का एक भी मामला

बजट सत्र के दौरान सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा राज ने देश के सभी राज्यों में साल 2014 और 2015 में कार्यस्थल पर यौन-उत्पीड़न के दर्ज मामलों की जानकारी दी.