महिला क्रिकेट की अग्रणी खिलाड़ियों में से एक मिताली राज ने सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की घोषणा करते हुए लिखा कि अब उनके खेल करिअर का अंत करने का सही समय है क्योंकि टीम कुछ बहुत ही प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों के हाथों में है और भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है.
विशेष रिपोर्ट: महिला क्रिकेट की कम लोकप्रियता के लिए हमेशा व्यूअरशिप यानी उसे कम देखे जाने को ज़िम्मेदार बताया जाता है. इसके बावजूद भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पहली बार हो रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के दिनों में ही बीसीसीआई ने आईपीएल मैच रखे हैं. आंकड़े दिखाते हैं कि बीसीसीआई में महिला क्रिकेट का विलय होने के बाद से टीम को न सिर्फ खेलने के कम मौके मिले, बल्कि उनके मैच भी ऐसे दिन हुए जब पुरुष टीम भी अंतरराष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम आईसीसी टी-ट्वेंटी विश्वकप के फाइनल में है और इसका श्रेय 16 वर्षीय शेफाली वर्मा की बल्लेबाज़ी को जाता है. महज़ छह महीने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आई शेफाली अपने शानदार प्रदर्शन के चलते दुनिया के उत्कृष्ट बल्लेबाज़ों की आईसीसी रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंच गई हैं.
आईसीसी की एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 क्रिकेट की विभिन्न श्रेणियों को जोड़कर देखें तो 11 भारतीय महिला क्रिकेटर टॉप 10 रैंकिंग वाली हैं जबकि पुरुष क्रिकेटरों की संख्या महज 6 है. वर्तमान पुरुष क्रिकेटरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के बावजूद देश में महिला क्रिकेट को न दर्शकों से समुचित तवज्जो मिलती है न ही मीडिया से.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी के मुताबिक, पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने कहा था कि अगर उनका बस चलता तो महिला क्रिकेट बंद करवा देते.