भाजपा और हिंदुत्व ब्रिगेड के लिए मुग़ल नए खलनायक हैं

मुग़ल शब्द को भारतीय मुसलमानों को इंगित करने वाला प्रॉक्सी बना दिया गया है. पिछले आठ सालों में, इस समुदाय को- आर्थिक, सामाजिक और यहां तक कि शारीरिक तौर पर- निशाना बनाना न सिर्फ उन्मादी गिरोहबंद भीड़, बल्कि सरकारों की भी शीर्ष प्राथमिकता बन गई है.

अगर सरस्वती पूजा महज़ धर्म नहीं संस्कृति है, तो हिजाब केवल धार्मिक प्रतीक क्यों

सरस्वती को विद्या की देवी कहकर हिंदुओं तक सीमित न रखने की अपील की जाती है. धर्म को संस्कृति का चोला ओढ़ाकर दूसरे धर्मावलंबियों को उसे मानने को बाध्य किया जाता है. ऐसे ही आशय से प्रेमचंद ने लिखा था कि सांप्रदायिकता को अपने असली रूप में निकलने में शर्म आती है, इसलिए वह संस्कृति की खाल ओढ़कर बाहर निकलती है.

भारतीयता, परंपरा और आधुनिकता का असल अर्थ क्या है

भारत में जिस दल की केंद्रीय स्तर पर सरकार है और जो ‘स्वयंसेवी संगठन’ वर्चस्व की स्थिति में है उसका दबाव अकादमिक कार्यक्रमों और लोगों के सामान्य वैचारिक निर्माण पर स्पष्ट है. इस प्रक्रिया में किसी शब्द के अर्थ को इतना संकुचित कर दिया जा रहा है कि उसकी अर्थवत्ता ही संदिग्ध हो जा रही है.