क्या आपातकाल को दोहराने का ख़तरा अब भी बना हुआ है?

आपातकाल कोई आकस्मिक घटना नहीं बल्कि सत्ता के अतिकेंद्रीकरण, निरंकुशता, व्यक्ति-पूजा और चाटुकारिता की निरंतर बढ़ती गई प्रवृत्ति का ही परिणाम थी. आज फिर वैसा ही नज़ारा दिख रहा है. सारे अहम फ़ैसले संसदीय दल तो क्या, केंद्रीय मंत्रिपरिषद की भी आम राय से नहीं किए जाते, सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री की चलती है.

कहीं प्रधानमंत्री मोदी ने ख़ुद को ही तो भारत नहीं मान लिया है?

लंदन में वेस्टमिंस्टर के सेंट्रल हाल में हुए दो घंटों से ज़्यादा के कार्यक्रम ‘भारत की बात, सबके साथ’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू से लेकर अंत तक अपनी ही बात करते रह गए.

राजनीति में आप बुरी ताक़तों से लड़ते हैं और अच्छाई के लिए खड़े होते हैं तो मरना होगा: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता और दादी की हत्या इसलिए हुई कि वे राजनीति में थे और बदलाव लाना चाहते थे.

उद्योगों के पक्ष में पर्यावरण क़ानूनों को कमज़ोर कर रहा है केंद्र: जयराम रमेश

पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण के बारे में जो उपदेश देते हैं, उसका पालन नहीं करते.

संविधान, लोकतंत्र और सेना के बाद संघ के चलते ही देश सुरक्षित है: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज

आरएसएस प्रशिक्षण शिविर में पूर्व जज केटी थॉमस ने कहा, 'अगर किसी संगठन को आपातकाल से देश को मुक्त कराने के लिए क्रेडिट दिया जाना चाहिए, तो मैं आरएसएस को दूंगा.'

कांग्रेस देश को 21वीं सदी में लेकर आई, मोदी जी आज इसे मध्यकाल में ले जा रहे हैं: राहुल गांधी

राहुल ने थामी पार्टी की कमान. कहा भले ही हम सहमत न हो लेकिन भाजपा को अपना भाई-बहन मानते हैं. वे बदनाम करते हैं, हम सम्मान देते हैं.

‘भाजपा पटेल जैसे नेताओं को अपना रही क्योंकि आज़ादी आंदोलन में उसकी अपनी कोई भागीदारी नहीं थी’

कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया इतिहास के पुनर्लेखन का आरोप, सोनिया गांधी ने कहा, हम पर थोपी जा रही एकपक्षीय, भेदभावकारी भारतीयता.

वह चुनाव अभियान जिसने सांप्रदायिक राजनीति को बदल दिया

वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी के पहले राजनीतिक चुनाव प्रचार ने सबकुछ बदल दिया. पहली बार किसी पार्टी के नेता और उसके मुख्य चुनाव प्रचारक ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरा प्रचार अभियान चलाया.

महात्मा गांधी की तुलना दीनदयाल उपाध्याय से करने पर राज्यसभा में कांग्रेस का हंगामा

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू का अपमान किया है.

‘इंदिरा गांधी ने महाराजाओं के विशेषाधिकार तो ख़त्म किए लेकिन राजनीति में नए महाराजा बना दिए’

साक्षात्कार: वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष से उनकी नई क़िताब 'इंदिरा: इंडियाज़ मोस्ट पावरफुल प्राइम मिनिस्टर' पर मीनाक्षी तिवारी से बातचीत.

आपातकाल के 42 सालों के बाद एक बार फिर भारत का लोकतंत्र ख़तरे में है

‘एक ऐसी सरकार जो ‘सबका विकास’ के वादे पर सत्ता में आई थी, अब समाज के सबसे कमज़ोर लोगों को सुरक्षा देने को लेकर अनिच्छुक नज़र आ रही है.’

इंदिरा ने गोवध पर रोक के लिए समिति बनाई थी, गोलवरकर की सदस्यता वाली समिति ने नहीं दी रिपोर्ट

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश की नई किताब ‘इंदिरा गांधी: अ लाइफ इन नेचर’ का नई दिल्ली में विमोचन हुआ.

एक राष्ट्रपति चुनाव, जिसने ‘इंदिरा युग’ की शुरुआत की

प्रासंगिक: 1969 में हुए पांचवें राष्ट्रपति चुनाव ने इंदिरा गांधी को अबाध नियंत्रण स्थापित करने का मौका दिया, लेकिन इससे कहीं ज़्यादा इस ख़तरनाक विचार को बढ़ावा दिया कि सिर्फ़ एक नेता यह फैसला लेने में सक्षम है कि देश और उसकी जनता के लिए क्या सर्वश्रेष्ठ है.

मध्य प्रदेश के सीएम का पार्टी नेताओं को निर्देश, नेहरू-इंदिरा की तरह बनाएं मोदी की छवि

शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों बाद आज भी लोगों में यह धारणा है कि नेहरू और इंदिरा ने देश का विकास किया. इसलिए अब तक उनका वोट बैंक बना हुआ है.

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