आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के संबंध में कहा है कि जिस दिन हमने चीन को आंख दिखानी शुरू कर दी और 95 बिलियन डॉलर का आयात बंद कर दिया तो चीन को अपनी औकात पता चल जाएगी.
एक रिपोर्ट से हवाले से पता चला था कि चीन द्वारा एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास पुल का निर्माण किया जा रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पुल उन क्षेत्रों में बनाया जा रहा है, जो लगभग 60 वर्ष से चीन के अवैध क़ब्ज़े में हैं और भारत ने इस तरह के अवैध क़ब्ज़े को कभी स्वीकार नहीं किया है. भारत ने चीनी दूतावास द्वारा सांसदों को पत्र लिखे जाने की
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस पुल का निर्माण पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर आठ से 20 किलोमीटर पूर्व में कर रहा है. कांग्रेस ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन चाहे उकसाए, पुल बनाए, सैन्य गांव बसाए… पर मोदी जी चुप हैं! यही है चीन को लाल आंख दिखाने की नीति?
रिपब्लिकन सांसद डेविड नुनेस ने कहा है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले सप्ताह भारत की सीमा के पास तिब्बत का दौरा किया है. भारत के लिए यह ख़तरे की बात है कि वह एक बड़ी जल परियोजना विकसित करने वाले हैं, जिससे भारत की जलापूर्ति बाधित हो सकती है.
डेमचोक में पहले भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हो चुका है. 1990 के दशक में भारत-चीन संयुक्त कार्य समूहों (जेडब्ल्यूजी) की बैठकों के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि डेमचोक और ट्रिग हाइट्स वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवादित बिंदु थे.
बिज़नेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में कहा गया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर स्थित कई स्थानों पर फिर से कब्ज़ा कर लिया है, जिसे उन्होंने पहले पीछे हटने संबंधी समझौते के अनुसार खाली कर दिया था. रिपोर्ट के दावे को भारतीय सेना ने ख़ारिज किया है.
भारतीय सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी घुसपैठ का पता लगाए जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई की शुरुआत से ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई बार झड़प हुई थीं.
बीते साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. झड़प में चीनी सेना को नुकसान होने की बात भी कही गई थी, लेकिन चीन ने आधिकारिक तौर पर शुक्रवार से पहले ये स्वीकार नहीं किया था कि इस घटना में उसके भी सैनिक मारे गए थे.
न्यूयॉर्क में हुए एक कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में हथियारों से लैस चीनी सैनिकों की मौजूदगी भारत के समक्ष ‘बहुत गंभीर’ सुरक्षा चुनौती है.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने यह टिप्पणी हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के आक्रामक सैन्य बर्ताव को लेकर अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई बैठक के बाद की. जापान में हुई बैठक में पोम्पिओ ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी.
सीनियर कमांडर स्तर की छठे दौर की बातचीत के एक दिन बाद भारत और चीन ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे सीमा पर सैनिकों की और अधिक संख्या न बढ़ाने और ज़मीन पर स्थिति में एकतरफ़ा बदलाव करने से बचने पर सहमत हुए हैं.
वीडियो: भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव को लेकर 10 सितंबर को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बैठक हुई. इस पूरे मुद्दे को लेकर वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण साहनी की नज़रिया.
ऐसा माना जा रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध के मद्देनज़र यह आदेश दिया गया है, हालांकि सरकार का कहना है कि आने वाले समय में राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने और भूस्खलन जैसी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लोगों से सिलेंडर का स्टॉक रखने के लिए कहा गया है.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चीन ने हमारी ज़मीन ले ली और कहा कि यह भारत की ज़मीन नहीं है और प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से चीन के दावे का समर्थन किया है.
लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिक के संबंध में जारी एक बयान में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि आज हम इतिहास के एक नाज़ुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय एवं उसके द्वारा उठाए गए क़दम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करेंगी.