आईआईटी कानपुर द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को राजनीतिक प्रचार कहकर ख़ारिज करना आसान है, लेकिन इसे मिली व्यापक मीडिया कवरेज और इसके लेखक की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसकी सावधानीपूर्वक गहराई से समीक्षा होनी चाहिए.
आईआईटी कानपुर द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट को राजनीतिक प्रचार कहकर ख़ारिज करना आसान है, लेकिन इसे मिली व्यापक मीडिया कवरेज और इसके लेखक की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसकी सावधानीपूर्वक गहराई से समीक्षा होनी चाहिए.