एल्गार परिषद मामले में आरोपी वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने तलोजा सेंट्रल जेल के अधीक्षक पर उनकी दवाइयों की सप्लाई रोकने का आरोप लगाया है. बताया गया कि इन दवाइयों के लिए उनके परिजनों ने निचली अदालत से अनुमति प्राप्त की थी, लेकिन अब अदालती आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है.
मामला सीकर ज़िले का है, जहां सांसी आदिवासी समुदाय के पंच-पटेलों ने कथित प्रेम संबंध होने पर एक विवाहित महिला और युवक के 'शुद्धिकरण' के नाम पर भीड़ के सामने उन्हें निर्वस्त्र नहाने को मजबूर किया. साथ ही दोनों पर कुल 53 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया.
मानवाधिकार आयोग ने कहा, उन्हें उनके परिवारों के साथ नहीं बल्कि मातम्मा मंदिर में रहने के लिए मजबूर किया जाता है जहां उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है.