पिछले पांच वर्षों में जीएसटी क़ानून निश्चित रूप से बदलाव हुए हैं और समय-समय पर संशोधनों के ज़रिये करदाताओं के सामने आने वाले कई मुद्दे स्पष्ट हुए हैं. लेकिन अब भी कई ऐसे मसले बाक़ी हैं जो जीएसटी व्यवस्था के अमल को प्रभावित करते हैं.
इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड 37 वर्षीय चंदन कुमार सिन्हा हैं, जो मुंबई के कांदिवली स्थित ईपीएफओ ऑफिस में क्लर्क हैं. आरोप है कि इन्होंने संगठन के पांच अन्य साथियों के साथ मिलकर पीएफ का 21 करोड़ रुपये चुराया है. जुलाई की शुरुआत में धोखाधड़ी का ये मामला सामने आने के बाद से सिन्हा फ़रार हैं.
श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफ़ारिश की है कि ग्रेच्युटी की सुविधा को सभी प्रकार के कर्मचारियों तक बढ़ाया जाना चाहिए, जिसमें ठेका मज़दूर और दैनिक या मासिक वेतन कर्मचारी शामिल हैं.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अप्रैल और मई महीने में कुल 11,540 करोड़ रुपये के 36.02 लाख दावों का निपटारा किया गया है.
अप्रैल महीने में प्रति कार्य दिवस औसतन 30,000-35,000 लोगों ने अपनी भविष्य निधि से पैसा निकाला है, जो कि दर्शाता है कि लोग किस स्तर के संकट से जूझ रहे हैं.
सरकार ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिए 1.4 फीसदी तक घटा दी हैं.
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.65 प्रतिशत थी.
वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय पर इस बात के लिए दबाव बना रहा है कि ईपीएफ पर ब्याज दर को सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अन्य लघु बचत योजनाओं मसलन भविष्य निधि जमा और डाकघर बचत योजनाओं के समान किया जाए.
सरकार ने विवादास्पद फाइनेंशियल रिज़ोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस एक्ट (एफआरडीआई) बिल को वापस लेने का फैसला किया है. फिलहाल यह बिल संसद की स्थायी समिति में विचाराधीन है.