विदेश मंत्री एस. जयशंकर को लिखे पत्र में इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन ने कहा है कि तालिबानी शासन में अफ़ग़ान पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाइयों और हमलों में खासी बढ़ोतरी हुई है.
कश्मीरी पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को आतंकी संगठनों से संबंध के मामले में अदालत ने पांच अप्रैल को यह कहते हुए ज़मानत दी थी कि उन्हें दोषी ठहराने के पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं. हालांकि 10 अप्रैल को उन्हें दोबारा गिरफ़्तार कर पीएसए के तहत जेल भेज दिया गया. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स का कहना है कि पत्रकारों को परेशान करने के लिए जन सुरक्षा अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है.
ऑस्ट्रिया स्थित इंटरनेशनल प्रेस इंस्टिट्यूट और बेल्जियम स्थित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स की ओर से कहा गया है कि स्वास्थ्य संकट (महामारी) का इस्तेमाल उन लोगों को चुप कराने के लिए किया जा रहा है, जिन्होंने सरकार की कार्रवाई में कमी को उजागर किया है.
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने भारत में पत्रकारों की हत्या की निंदा करते हुए ऐसी घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर की है.