अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में अमेरिकी आयोग ने भारत को 'धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में लिप्त होने' के लिए 'विशेष चिंता वाले देश' के रूप में सूचीबद्ध करने की सिफ़ारिश की है. भारत ने रिपोर्ट ख़ारिज करते हुए आयोग को एजेंडा वाला पक्षपाती संगठन बताया है.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने लगातार चौथे वर्ष भारत को ‘विशेष चिंता वाले देश’ के रूप में नामित करने का सिफ़ारिश की है. भारत ने रिपोर्ट को ‘पक्षपातपूर्ण’ बताते हुए आयोग से ऐसे प्रयासों से दूर रहने और भारत की अनेकता, लोकतांत्रिक लोकाचार की बेहतर समझ विकसित करने को कहा है.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति बिगड़ती रही. राज्य और स्थानीय स्तर पर धार्मिक रूप से भेदभावपूर्ण नीतियों को बढ़ावा दिया गया.
अमेरिका ने चीन, पाकिस्तान और म्यांमार समेत 12 देशों को वहां की धार्मिक स्वतंत्रता की मौजूदा स्थिति को लेकर ‘विशेष चिंता वाले देश’ घोषित किया है, जबकि यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने भारत को भी इस सूची डालने की सिफारिश की थी.