हम शांतिपूर्ण मार्च चाहते थे, लेकिन लेह को सरकार ने युद्धक्षेत्र में बदला: सोनम वांगचुक

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के नागरिक रविवार को लेह से चांगथंग तक के लिए एक मार्च निकालने वाले थे, जिसे 'पश्मीना मार्च' नाम दिया गया था. हालांकि, इसे मोदी सरकार द्वारा धारा 144 लगाने समेत अन्य कड़े कदम उठाए जाने के चलते रद्द कर दिया गया.

डिजिटल तानाशाही पर आई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में भारत का ज़िक्र आया

'तानाशाही प्रथाओं को बढ़ाने के लिए डिजिटल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल' को दर्ज करने वाले 'अनफ्रीडम मॉनिटर' प्रोजेक्ट में 20 देश शामिल थे. रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री, सत्तारूढ़ पार्टी और उनके 'फॉलोवर्स' का ज़िक्र 'सूचना को नियंत्रित करने की मांग करने वाली सरकारों' पर हुई चर्चा में किया गया है.

‘इंटरनेट बंद करने वाले देशों में 5 साल से भारत का अग्रणी बना रहना चिंताजनक है’

ऑडियो: वैश्विक डिजिटल अधिकार समूह एक्सेस नाउ के साथ काम करने वाली नम्रता माहेश्वरी का कहना है कि भारत में इंटरनेट शटडाउन के आदेश देने की प्रणाली पूरी तरह से अपारदर्शी है. साथ ही इसमें जवाबदेही का भी अभाव है.

इंटरनेट बंद करने के मामले में लगातार पांचवें साल भारत शीर्ष पर: रिपोर्ट

वैश्विक डिजिटल अधिकार समूह एक्सेस नाउ और #KeepItOn द्वारा संकलित डेटा बताता है कि 2022 में दुनियाभर के 35 देशों ने कम से कम 187 बार इंटरनेट बंद किया. भारत में इस अवधि में 84 इंटरनेट शटडाउन हुए, जो दुनिया में सर्वाधिक थे.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने इंटरनेट पर ‘ग़ैर क़ानूनी’ व्यवहार के ख़िलाफ़ कड़े क़ानून लाने की मांग की

अहमदाबाद में 25वें अखिल भारतीय फॉरेंसिक साइंस सम्मेलन में एनएचआरसी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और साइबरस्पेस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत दी गई स्वतंत्रता से 'बड़ी नहीं' है.

ग़ैर-फिल्मी गानों के नियमन के लिए सेंसर बोर्ड नहीं बना सकते, यह अदालत का काम नहीं: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में ग़ैर-फिल्मी गीतों के टीवी, ऐप या सोशल मीडिया मंचों के ज़रिये सार्वजनिक रिलीज़ से पहले समीक्षा के लिए सेंसर बोर्ड के बनाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने इसे ख़ारिज करते हुए कहा कि इसके लिए पहले से अधिनियम मौजूद हैं और यह कोई अन्य क़ानून नहीं बना सकता.

2021 में भारत में 100 से अधिक बार इंटरनेट शटडाउन, दुनिया में सर्वाधिकः रिपोर्ट

डिजिटल राइट एडवोकेसी ग्रुप एक्सेस नाउ द्वारा जारी नई रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में दुनियाभर के 34 देशों में लगभग 182 बार इंटरनेट को बाधित किया गया, जो 2020 की तुलना में कुछ अधिक है.

दिल्ली स्कूलों में सिर्फ़ 25 फ़ीसदी बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंच थी: सर्वेक्षण

राष्ट्रीय स्तर पर ‘एक्सेस टू सर्विसेस डूरिंग कोविड-19 इन डिजिटल इंडिया’ नाम के इस सर्वेक्षण में मार्च और अगस्त 2020 के बीच कुल 7,000 घरों के नमूने इकट्ठा किए गए. दिल्ली की तुलना में तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले घरों का प्रतिशत कम हैं, वहां लगभग 40 फ़ीसदी बच्चे शिक्षा तक पहुंच हासिल कर सके.

केंद्र और राज्यों को ग़रीब बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए प्रभावी योजना बनानी होगी: अदालत

दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले साल 18 सितंबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रहा था, जिसमें निजी और सरकारी स्कूलों को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग अथवा वंचित समूह श्रेणी के छात्रों को गैजेट और इंटरनेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. 

स्कूलों में डिजिटल शिक्षा का हाल-बेहाल, 2019-20 में महज़ 22 फीसदी स्कूलों में इंटरनेटः रिपोर्ट

एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस द्वारा देशभर के 15 लाख स्कूलों पर अकादमिक वर्ष 2019-20 के लिए किए गए सर्वे से पता चला कि 12 फीसदी से भी कम सरकारी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा थी और 30 फीसदी से भी कम स्कूलों में संचालित कंप्यूटर थे.

दिल्ली का वो थाना, जहां कुछ लोग पढ़ाई के लिए भी जाते हैं…

वीडियो: दिल्ली के आरके पुरम थाने में एक ऐसी लाइब्रेरी बनाई गई है जहां पर बच्चों को मुफ़्त में किताबें उपलब्ध करवाई जाती है. इसके अलावा वाईफाई की भी सुविधा दी जाती है ताकि बच्चों को पढ़ाई में किसी भी तरह की परेशानी न आए.

सुप्रीम कोर्ट ने ग़रीब बच्चों को गैजेट्स, इंटरनेट उपलब्ध कराने संबंधी के आदेश पर रोक लगाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमज़ोर अथवा वंचित समूह श्रेणी के अंतर्गत आने वाले छात्रों को गैजेट्स और इंटरनेट पैकेज उपलब्ध कराने के लिए निजी और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया था.

म्यांमार: तख़्तापलट के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन तेज़, सू ची और अन्य नेताओं को रिहा करने की मांग

बीते एक फरवरी को म्यांमार की सेना ने चुनावों में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए देश का नियंत्रण अपने हाथ में लेते हुए आंग सान सू ची और अन्य नेताओं को नज़रबंद कर दिया है. सू ची और अन्य नेताओं को रिहा करने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनज़र रविवार को इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया.

ऑनलाइन कक्षा के लिए ग़रीब बच्चों को उपकरण और इंटरनेट पैकेज मुहैया कराएं स्कूल: अदालत

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यदि एक स्कूल ख़ुद ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का फ़ैसला करता है तो उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि आर्थिक रूप से कमज़ोर और वंचित वर्ग के छात्रों के पास भी इसकी सुविधा उपलब्ध हो. ऐसा न करना डिजिटल भेदभाव के साथ शिक्षा के अधिकार क़ानून के प्रावधानों का उल्लंघन भी है.

फाइनल ईयर परीक्षाएं: विद्यार्थी की जान और यूजीसी की शान

अगर यूजीसी को अंतिम परीक्षा लेने का अपना निर्णय इतना उचित लग रहा है तो वह इसके तर्क विस्तार से क्यों नहीं बता रहा और उसमें जो विकल्प हो सकते हैं उन पर विचार क्यों नहीं कर रहा? हड़बड़ी में सिर्फ अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए छात्रों के स्वास्थ्य की परवाह किए बिना शिक्षा की गुणवत्ता पर ज़ोर देना अमानवीयता है.

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