कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी बोर्ड में ट्रेड यूनियनों के 10 प्रतिनिधि होते हैं. केंद्र सरकार द्वारा पुनर्गठित नए बोर्ड में 8 प्रतिनिधि घोषित किए गए हैं, जिनमें आरएसएस से संबद्ध भारतीय मज़दूर संघ के तीन सदस्य शामिल हैं. इसमें सीपीआई से संबद्ध एटक, एआईयूटीयूसी और कांग्रेस से संबद्ध इंटक का कोई सदस्य शामिल नहीं किया गया है.
रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली विभिन्न यूनियनों के एक संयुक्त संगठन एआईडीईएफ के बैनर तले करीब 3,000 असैन्य रक्षाकर्मियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की और कहा कि उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत बहुत ही कम पेंशन मिल रही है.
संगठनों का कहना है कि प्रस्तावित इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड के ज़रिये सरकार मज़दूरों के हड़ताल और विरोध करने के बुनियादी अधिकारों को छीनना चाहती है.