एलआईसी का आईपीओ खुला, कांग्रेस ने शेयर भाव और मूल्यांकन को लेकर सवाल उठाए

खुदरा व संस्थागत निवेशकों के लिए एलआईसी के आईपीओ को खोलते हुए सरकार का लक्ष्य अपने 3.5% शेयर बेचकर 21,000 करोड़ रुपये जुटाना है. वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने ऑफरिंग का मूल्य काफी कम रखा है और इसे 30 करोड़ पॉलिसीधारकों के भरोसे की कीमत पर औने-पौने दाम पर बेचा जा रहा है.

आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया जारी: शीर्ष अधिकारी

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने बताया कि आईडीबीआई बैंक में बेची जाने वाली हिस्सेदारी की मात्रा प्रचार-प्रसार ख़त्म होने के बाद पता चल जाएगी. फिलहाल आईडीबीआई बैंक का प्रबंधकीय नियंत्रण एलआईसी के पास है. सरकार के पास इस बैंक की 45.48 फ़ीसदी हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी के पास 49.24 फ़ीसदी हिस्सा है.

एलआईसी को बेचने की जल्दी में क्यों है केंद्र सरकार

वैश्विक बाजार स्थिति के चलते जहां कई अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है, वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ ऐसा नहीं हुआ है. क्या आम भारतीयों के लिए प्रमुख बचत का ज़रिया रहे एलआईसी को इस तरह आनन-फानन बेचा जाना चाहिए?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व प्रमुख ‘आध्यात्मिक गुरु’ की सलाह पर लेती थीं फैसला: सेबी

बाजार नियामक सेबी की जांच में पता चला कि देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण नियमों का उल्लंघन करते हुए बाज़ार के वित्तीय अनुमानों, व्यावसायिक योजनाओं और बोर्ड के एजेंडा सहित महत्वपूर्ण जानकारियां हिमालय के एक कथित आध्यात्मिक गुरु के साथ साझा करती थीं. इस आध्यात्मिक शख़्स से वह बीते 20 सालों से मार्गदर्शन ले रही थीं.

शिरडी इंडस्ट्रीज़ से जुड़े असल सवालों के जवाब अब भी बाकी हैं

शिरडी इंडस्ट्रीज़ को एनसीएलटी से मिले रिवाइवल पैकेज, ख़ासकर इसे कर्मचारियों के बकाया पीएफ को 5-7 साल तक टालने की अनुमति कैसे मिली, इसकी पड़ताल की जानी चाहिए.

रेल मंत्री पीयूष गोयल जिस कंपनी के निदेशक थे, उसने सरकारी बैंकों को 650 करोड़ रुपये का चूना लगाया

2010 तक पीयूष गोयल एक डिफॉल्टर कंपनी शिरडी इंडस्ट्रीज़ के निदेशक थे, जिसने सरकारी बैंकों से लिया क़र्ज़ चुकाया नहीं, उल्टे एक अन्य कंपनी के ज़रिये गोयल की पत्नी की फर्म को 1.59 करोड़ रुपये का अनसिक्योर्ड लोन दिया.