भाजपा सांसद और क़ानून पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की संपत्ति की घोषणा की ज़रूरत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिस तरह विधायक-सांसदों के बारे में जानना जनता का हक़ है, वैसे ही अदालतों में मुक़दमा लड़ने वाले वादी को भी न्यायाधीशों की संपत्ति जानने का अधिकार है.
संशोधित नियमों के तहत केंद्र को गंभीर कदाचार या अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए पेंशनभोगी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए अब राज्य सरकार से संदर्भ (रिफरेंस) का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक, अब ख़ुफ़िया संगठन में काम कर चुके कर्मचारी के ख़िलाफ़ संवेदनशील जानकारी का खुलासा करने वाली किताबें लिखने पर कार्रवाई हो सकती है.
मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में दिए गए आंकड़े बताते हैं कि पिछले 2018 और 2022 के बीच आईएएस, आईपीएस और भारतीय वन सेवा में की गई कुल 4,365 नियुक्तियों में ओबीसी से 695, एससी से 334 और एसटी समुदायों से 166 उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया है.
एनआईए ने अपने पूर्व पुलिस अधीक्षक और आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य को गोपनीय दस्तावेज़ लीक करने के आरोप में गिरफ़्तार किया है. इसी मामले एनआईए छह लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. इसमें से एक कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को एनआईए ने पिछले साल गिरफ़्तार किया था.
ऐसा लगातार दूसरी बार हुआ है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर सीधे नियमित कमिश्नर की तैनाती न करके किसी वरिष्ठ अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. ऐसा लगता है कि सत्ताधारी नेता जानबूझकर ही शायद ऐसा कर रहे हैं, जिससे उनके हिसाब से न चलने पर उन्हें आसानी से हटाया जा सके.
नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण ने उत्तर प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पांच आईपीएस अधिकारियों के ख़िलाफ़ पोस्टिंग के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया उनका एक गोपनीय दस्तावेज़ मीडिया में लीक हो गया था.
उत्तर प्रदेश के नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा मुख्यमंत्री और डीजीपी को भेजी गई रिपोर्ट तब सार्वजनिक हो गई जब एक कथित वीडियो सेक्स चैट वायरल हो गया था. रिपोर्ट में एसएसपी ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि वे पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ केसों और गिरफ्तारियों को भी प्रभावित करते थे. इस संबंध में डीजीपी ने एसएसपी से जवाब मांगा है.
आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली आईएएस, आईएफएस या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करिअर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.
लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकडों के मुताबिक केंद्र सरकार के मंत्रालयों में कुल 93 अतिरिक्त सचिव हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ छह एससी और पांच एसटी हैं. वहीं एक भी अतिरिक्त सचिव ओबीसी समुदाय से नहीं है.
मोदी सरकार ने यह फैसला इस साल अप्रैल में निजी क्षेत्रों के नौ विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर तैनाती के लिए चुनने के बाद किया है.
आमतौर पर यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली आईएएस, आईएफएस या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करिअर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.
कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल जून में लैटरल एंट्री तरीके से संयुक्त सचिव स्तर के पदों पर नियुक्ति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले निजी क्षेत्र के लोगों से आवेदन मांगे थे.
पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष इसी महीने भाजपा में शामिल हुई थीं. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि भारती घोष के ख़िलाफ़ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरने में शामिल हुए पांच आईपीएस अधिकारियों के मेडल वापस ले सकता है केंद्रीय गृह मंत्रालय.
भाजपा में शामिल हुईं पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष जबरन वसूली और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में सीआईडी जांच के दायरे में हैं, जबकि उनके पति राजू हिरासत में हैं.