2002 गुजरात दंगों के बाद अपराध शाखा ने हैदराबाद के एक मौलवी और पांच अन्य लोगों को इस आरोप में गिरफ़्तार किया था कि उन्होंने दंगों का बदला लेने के लिए हैदराबाद और गुजरात के मुस्लिम युवकों को आतंकवाद का प्रशिक्षण लेने पाकिस्तान भेजा था. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन ये आरोप साबित नहीं कर सका.