इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध के बहाने भारतीय मुसलमान क्यों बने निशाना?

वीडियो: हमास के हमले के बाद छिड़े इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर एक वर्ग भारत के मुसलमानों को निशाना बना रहा है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

इज़रायल ने फ़िलिस्तीनियों से 24 घंटे में उत्तरी गाज़ा छोड़ने को कहा, यूएन बोला- नतीजे घातक होंगे

संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर इस तरह के आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो यह पहले से ही हुई त्रासदी को बड़ी तबाही में बदल सकता है.

भाजपा नेताओं ने इज़रायल का तुरंत समर्थन किया, लेकिन मणिपुर मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं: राकांपा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के नेताओं ने इज़रायल का समर्थन करने में ‘तेजी’ दिखाई है, लेकिन वे मणिपुर के मुद्दे को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. उनकी ‘चुप्पी’ हमारी मातृभूमि में इस मुद्दे (मणिपुर हिंसा) पर उनके इरादों के बारे में बहुत कुछ बताती है.

फिलीस्तीन के समर्थन में मार्च निकालने पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के चार छात्रों पर केस

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों द्वारा बीते 8 अक्टूबर की रात को फिलीस्तीनियों के समर्थन में एक मार्च निकाला गया था. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने अपने मार्च के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी. एफआईआर में कहा गया है कि छात्रों ने एक ‘आतंकवादी समूह’ के ‘समर्थन’ में मार्च किया था.

गाज़ा के साथ इज़रायल की समस्या का सैन्य समाधान नहीं है, न ही इससे बदले की कार्रवाई को रोक सकते हैं

गाज़ा से होने वाले फिलीस्तीनी हमलों का इज़रायली सरकारों ने लगातार जो एकमात्र समाधान ढूंढा है, वो नाकाफ़ी है- कि अगर वो ज़मीन के रास्ते आए, तो दीवार बना देंगे; अगर रॉकेट दागे, तो इंटरसेप्टर बना लेंगे; अगर हमारे कुछ लोगों को मारा गया, तो उनके कइयों को मार डालेंगे. ऐसे ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा.

हमास के हमले में लगभग 250 की मौत, इज़रायली कार्रवाई में गाज़ा में 300 से अधिक लोग मारे गए

फिलीस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के लड़ाकों द्वारा गाज़ा की सीमा से लगे इज़रायल के भीतर सैकड़ों मिसाइलें दागी गईं और सैन्य एवं नागरिक ठिकानों पर क़ब्ज़ा कर लिया गया, जिसके बाद इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई की है. इस बीच यरुशलम गए मेघालय के रहने वाले 27 भारतीय इस युद्ध की वजह से वहां फंस गए हैं.

पूर्व सैनिकों ने क़तर में क़ैद 8 पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री से फ़िर अपील की

अगस्त 2022 में आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को क़तर में गिरफ़्तार कर लिया गया था. वह वहां दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज़ में काम करते थे. वह अभी भी क़तर की जेल में बंद हैं, जबकि इनके साथ गिरफ़्तार दहरा ग्लोबल के मालिक एक ओमानी नागरिक को नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया था.

‘यह इज़रायल के लिए अस्तित्व का संकट है, हमें नहीं मालूम इसके आगे क्या होगा’

ऑडियो: इज़रायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा लाए गए विवादास्पद न्यायिक सुधारों को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को वहां के प्रतिष्ठित फिल्मकार डैनी बेन- मोशे डॉक्यूमेंट्री की शक्ल में दर्ज कर रहे हैं. उनसे बातचीत.

भारत में इज़रायल के पूर्व राजदूत अडानी हाइफा बंदरगाह के अध्यक्ष बने

2018 में भारत में इज़रायल के राजदूत रहे रॉन मलका को हाइफा बंदरगाह कंपनी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इस कंपनी का स्वामित्व अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड और इजरायल के गैडो समूह के एक कंसोर्टियम के पास है, जिसमें अडानी पोर्ट्स का 70 प्रतिशत हिस्सा है.

अडानी समूह के प्रति सरकार की कृपादृष्टि महज़ धारणा का मामला नहीं है

जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?

इज़रायल: प्रदर्शनों के बीच नेतन्याहू ने न्यायिक सुधारों का विरोध करने वाले मंत्री को हटाया

इज़रायल सरकार ने बीते जनवरी में न्यायपालिका में सुधार की योजना का ऐलान किया था. न्यायिक सुधार सरकार को जजों का चयन करने का अधिकार देंगे और क़ानूनों को ख़त्म करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति को सीमित कर देंगे. इसके ख़िलाफ़ इज़रायल में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है. 

इज़रायली समूह भारत और अन्य देशों में फ़र्ज़ी सोशल मीडिया अभियान चला रहा है: रिपोर्ट

ब्रिटेन के द गार्जियन अख़बार समेत विश्व के 30 मीडिया संस्थानों के एक संघ द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया है कि इज़रायल की एक तथाकथित 'टीम जॉर्ज' यूनिट ने भारत समेत 20 देशों में फ़र्ज़ी सोशल मीडिया अभियान चलाए.

बांग्लादेश ने प्रतिबंध के बावजूद इज़रायली फर्मों से 12 मिलियन डॉलर के स्पायवेयर खरीदे: रिपोर्ट

इज़रायली अख़बार हारेत्ज़ के अनुसार, इज़रायली कंपनियों के बांग्लादेश के साथ व्यापार करने पर रोक है क्योंकि यह चिंताएं हैं कि तकनीक पाकिस्तान के हाथ में चली जाएगी. इसके बावजूद मानवाधिकारों के उल्लंघन की आरोपी रहीं बांग्लादेश की कुछ सुरक्षा एजेंसियों को भी स्पायवेयर तकनीक बेची गई है.

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