बीते चार-पांच दिनों में जहांगीरपुरी में जो कुछ भी घटित हुआ, उसने इस देश की निकृष्टतम और श्रेष्ठतम, दोनों तस्वीरों को साफ़ कर दिया है. इस छोटी-सी अवधि में ही हम जान गए हैं कि भारत को पूरी तरह से तबाह कैसे किया जा सकता है. साथ ही यह भी कि अगर उसे बचाना है तो क्या करना होगा.
भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुजरात में जेसीबी के एक कारखाने का उद्घाटन किया. एमनेस्टी इंडिया ने कहा कि उत्तर पश्चिम दिल्ली के जहांगीरपुरी में मुसलमानों की दुकानों को गिराने के लिए जेसीबी बुलडोज़रों का उपयोग करने की पृष्ठभूमि में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात में एक जेसीबी कारखाने का उद्घाटन न केवल उनकी अज्ञानता है, बल्कि इस घटना पर उनकी चुप्पी भी स्तब्ध करने वाली है.
भाजपा के दिल्ली प्रभारी और उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा ने कहा है कि नई दिल्ली में रह रहे ‘अवैध प्रवासियों’ को उनके हाव-भाव से पहचाना जा सकता है और वे ‘डॉन की तरह कपड़े’ पहनते हैं. उन्होंने कहा कि हमने स्वीडन, हॉलैंड और बेल्जियम आदि में देखा है, जहां प्रवासी समुदायों ने ‘नो गो ज़ोन’ बना रखे हैं, जहां लोग यहां तक कि पुलिस भी जाने से डरती है. ऐसा लगता है कि अवैध प्रवासियों ने दिल्ली में भी ऐसा ही
भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में कई कथित अवैध ढांचों को ढहाने के एक दिन बाद पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने यह पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और असामाजिक तत्वों द्वारा सरकारी भूमि के अतिक्रमण के ख़िलाफ़ बुलडोज़र का उपयोग करके सख़्त कार्रवाई करने के लिए कहा है.
वीडियो: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के बाद भाजपा शासित नगर निगम द्वारा बीते 20 अप्रैल अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यह अभियान कई घंटों तक चलता रहा, जिस पर अदालत ने संज्ञान भी लिया है. बुलडोज़र और विध्वंस की राजनीति पर अधिवक्ता शमशाद और द वायर की रिपोर्टर सुमेधा पाल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: देश के विभिन्न राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर हिंसा के बाद सांप्रदायिक घटनाओं का सिलसिला देखने को मिल रहा है. इन घटनाओं पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत कथित अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह तोड़फोड़ की कार्रवाई का संज्ञान लेगा, जो निगम को हमारे के आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी जारी रही थी.
दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत कथित अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तोड़फोड़ की कार्रवाई का संज्ञान लेगा, जो निगम को हमारे के आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी जारी रही थी. अभियान के ख़िलाफ़ माकपा नेता बृंदा करात ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.
बीते 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद वहां भाजपा शासित नगर निगम द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ये गरीबों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने का सरकार प्रायोजित क़दम है. माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने कहा कि क़ानून के साथ-साथ संविधान को भी अवैध तरीके से ध्वस्त किया गया है. आम आदमी पार्टी ने कहा कि जिस दिन अमित शाह के घर
दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत आरोपियों के कथित अवैध निर्माणों को तोड़ा जा रहा था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं रोकी गई. बाद में, जब याचिकाकर्ता के वकील ने वापस शीर्ष अदालत पहुंचे, तब तोड़-फोड़ की कार्रवाई रुकी.
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस द्वारा जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य साज़िशकर्ता बताए गए मोहम्मद अंसार का जुड़ाव भाजपा से है. उन्होंने कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें अंसार को जहांगीरपुरी में भाजपा की एमसीडी उम्मीदवार के लिए प्रचार करते देखा जा सकता है.
विश्व हिंदू परिषद की ओर से यह बयान तब आया जब सोमवार को जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस ने शोभायात्रा के आयोजकों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था. इस प्राथमिकी में परिषद और बजरंग दल का नाम भी शामिल था, जिसे बाद में हटा दिया गया.
जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा के दौरान हिंसा को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि अमूमन शांत रहने वाले इस क्षेत्र में ऐसा पहली बार देखा गया.
दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर बिना अनुमति शोभा यात्रा निकालने के लिए इसके आयोजकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था. शुरुआत में इस एफ़आईआर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का नाम शामिल किया गया था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया. गिरफ़्तार व्यक्ति को भी छोड़ दिया गया है.
पुलिस ने दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीते 16 अप्रैल को हुई सांप्रदायिक हिंसा मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद असलम को भी बनाया है. आरोप है कि उसके द्वारा चलाई गई गोली से एक पुलिस उप-निरीक्षक घायल हो गए थे. पुलिस का दावा है कि वह 22 वर्ष का है, लेकिन द वायर को उसके परिवार द्वारा उपलब्ध कराए दस्तावेज़ उसकी उम्र 16 वर्ष बताते हैं. परिवार का दावा है कि हिंसा के वक़्त वह घर पर था.