झारखंड में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने को ‘जघन्य अपराध’ क़रार देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों का मक़सद सरकार द्वारा बनाए गए सकारात्मक माहौल को प्रभावित करना है.
पश्चिम बंगाल के एक मदरसा टीचर का कहना है कि यह घटना 20 जून को उस समय हुई, जब वह ट्रेन से दक्षिण 24 परगना जिले से हुगली जा रहे थे. आरोप है कि ट्रेन में कुछ लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, उन्होंने उन्हें भी नारे लगाने को कहा, इनकार करने पर मारपीट की गई और ट्रेन से धक्का दे दिया गया.
क़ानून का राज होने के बाद भी भीड़ का राज क़ायम है. इस भीड़ को धर्म, जाति और परंपरा के नाम पर छूट मिली है. किसी औरत को डायन बताकर मार देती है, जाति तोड़कर शादी करने वालों की हत्या कर देती है. इसी कड़ी में अब यह शामिल हो गया है कि अपराध करने वाला या झगड़े की ज़द में आ जाने वाले मुसलमान को जय श्री राम के नाम पर मार दिया जाएगा.
पश्चिम बंगाल में ‘जय श्री राम’ के नारों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आक्रोशित प्रतिक्रिया पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि इसे राम के ख़िलाफ़ उनके विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए. ममता राम का विरोध नहीं कर रहीं बल्कि भाजपा का विरोध कर रही हैं.
उत्तर प्रदेश के मथुरा का मामला. पुलिस ने बताया कि हमलावर ने विदेशी श्रद्धालु को ‘राम-राम’ कहा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. आरोपी के दोबारा ‘राम-राम’ करने पर विदेशी नागरिक ने उसे थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद आरोपी ने उन पर चाकू से वार कर दिया.
यह घटना गुड़गांव के सदर बाजार की है.