कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि ‘ताज़ा खुलासे’ से पता चलता है कि ओपल इन्वेस्टमेंट नामक कंपनी, जो अडानी पावर में 8,000 करोड़ रुपये की इक्विटी को नियंत्रित करती है, को मई 2019 में दुबई में एक ‘सिंगल पर्सन फर्म’ के रूप में स्थापित किया गया था. इस खुलासे से अडानी की शेल कंपनियों के ग़ैर-क़ानूनी कार्यों की दुर्गंध और ज़्यादा तेज़ हो गई है.
संघर्षग्रस्त मणिपुर की सरकार ने बीते 23 सितंबर को क़रीब 143 दिन बाद इंटरनेट बहाल किए जाने की घोषणा की थी. इंटरनेट पर दोबारा प्रतिबंध की घोषणा दो मेईतेई छात्रों के शव की वायरल तस्वीरों को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बीच की गई है. दोनों छात्र दो महीने से अधिक समय से लापता थे.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार के सांठगांठ वाले पूंजीवाद की वजह से छोटे व्यवसायों को नुकसान हो रहा है. आर्थिक लाभ कुछ कंपनियों तक सीमित हो गए हैं और लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का उनसे मुक़ाबला करना असंभव-सा हो गया है.
जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करीबी मित्र अडानी के लिए ‘मोदी निर्मित एकाधिकार’ स्थापित करने में मदद की है, बल्कि उन्होंने सेबी, सीबीआई, ईडी जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा अडानी के गलत कार्यों की सभी जांच को सुनियोजित ढंग से बंद भी कर दिया है.
डेलॉइट हास्किन्स और सेल्स ने अडानी पोर्ट्स और सेज़ के वित्तीय लेन-देन पर कुछ चिंताएं ज़ाहिर करने के बाद ऑडिटर के तौर पर ख़ुद को अलग कर लिया है. इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऑडिटर ने कंपनी के खातों पर सवाल उठाए थे, जिसका जवाब नहीं दिया गया और उसे इस्तीफ़े को मजबूर किया गया.
अग्निपथ योजना की घोषणा जून 2022 में की गई थी, जिसमें साढ़े 17 से 23 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने की बात कही गई थी. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि युवा बीच में ही प्रशिक्षण छोड़ दे रहे हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने द हिंदू अख़बार में प्रकाशित शैव मठ ‘तिरुववदुथुरई अधीनम’ के प्रधान पुजारी के एक इंटरव्यू का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस बात का कोई स्पष्ट दस्तावेज़ी सबूत नहीं है कि प्रधानमंत्री नेहरू को सौंपे जाने से पहले सेंगोल भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को दिया गया था.
कुछ माह पहले ही सागरदिघी उपचुनाव में जीतने वाले बायरन बिस्वास पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के एकमात्र विधायक थे. उनके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने पर कांग्रेस ने कहा कि इस तरह की ख़रीद-फ़रोख़्त केवल भाजपा के मक़सद को पूरा करती है.
नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में दावा किया है कि 'सेंगोल' नामक स्वर्ण राजदंड 15 अगस्त, 1947 को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था. हालांकि, ऐतिहासिक प्रमाण इसकी पुष्टि नहीं करते.
भारतीय रिजर्व बैंक के 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा को काले धन और जमाखोरी पर प्रहार बताने के भाजपा नेताओं के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि बैंक में बिना आईडी प्रूफ के उक्त नोट बदले जाने पर जो भी 'काले धन' की जमाखोरी कर रहा है, वह रडार पर आए बिना उन्हें बदल सकता है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि रिपोर्ट में अडानी समूह को क्लीनचिट दे दी गई है. इस पर कांग्रेस का कहना है कि वास्तव में समिति के निष्कर्षों ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच के लिए उनकी मांग को और मजबूती दी है.
चिन-कुकी-मिज़ो-ज़ोमी-हमार समुदायों से आने वाले मणिपुर के 10 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिए गए एक ज्ञापन में कहा है कि हिंसा के बाद उनके लोगों ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में ‘विश्वास खो दिया है’. इन विधायकों में भाजपा के सात विधायक शामिल है. कांग्रेस ने हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि एक साल पहले एलआईसी को शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध किया गया था, तब बाज़ार पूंजीकरण 5.48 लाख करोड़ रुपये था. आज यह भारी गिरावट के साथ 3.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है!
पूर्व उपराष्ट्रपति और एम. वेंकैया नायडू ने एक समारोह में कहा कि नेता पत्रकारों के सभी दृष्टिकोणों से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन उन्हें आलोचना को अपने पक्ष में लेना चाहिए. पत्रकारों को नेताओं और हस्तियों की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए, अन्यथा लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा.
द वायर को दिए एक साक्षात्कार में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए है. इस संबंध में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री के जिम कॉर्बेट पार्क में एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग में व्यस्त होने पर सवाल उठाए हैं.