वीडियो: क्या भारत के विश्वविद्यालयों के अंदर शैक्षणिक स्वतंत्रता नाम की कोई चीज़ बची है? यूनिवर्सिटी की परिभाषा विचारों के आदान-प्रदान की जगह की है, लेकिन क्या आज हिंदुस्तान में ऐसी कोई जगह बच पाई है? चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
इस साल फरवरी में दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन के दौरान कपिल गुज्जर ने हवा में फायरिंग की थी. बुधवार को कपिल ग़ाज़ियाबाद में भाजपा में शामिल हुए थे. बाद में पार्टी ने उनकी सदस्यता निरस्त करते हुए कहा कि उसे कपिल के फायरिंग के मामले से जुड़े होने की जानकारी नहीं थी.
जामिया मिलिया इस्लामिया छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष शिफ़ा उर रहमान को दिल्ली दंगों के सिलसिले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया है. रहमान ने अदालत के समक्ष याचिका दायर कर कहा है कि जेल प्रशासन उन्हें उनके वकील से मिलने नहीं दे रहा है.
दिल्ली हिंसा संबंधी मामले में गिरफ़्तार हुए जामिया के एक छात्र ने आरोप लगाया है कि पुलिस संवेदनशील जानकारी मीडिया को लीक कर रही है. उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के साथ कुछ मीडिया संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन संबंधी मामले में गिरफ़्तार जेएनयू छात्रा और पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलीता की एक याचिका पर पुलिस द्वारा दायर हलफनामे को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इसमें कई आरोप लगाए गए हैं जो याचिका के दायरे से परे हैं और इन्हें वापस लिया जाना चाहिए.
पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर गिरफ्तार किया गया था. चूंकि कलीता एक और मामले में गिरफ्तार हैं और उनसे पूछताछ चल रही है, इसलिए वे अभी जेल में बंद रहेंगी.
दिल्ली कोर्ट ने कहा कि केस के तथ्यों से पता चलता है कि आरोपी सिर्फ एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, किसी हिंसा में शामिल नहीं थे.
गिरफ़्तार की गईं दोनों कार्यकर्ता नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जेएनयू की छात्राएं हैं. पिंजरा तोड़ संगठन की ओर से कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने बीते कुछ महीनों में कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. हम इसकी पुरज़ोर निंदा करते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हॉस्टल में फंसे हुए छात्रों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों के संचालन की मंजूरी दिए जाने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया की तरफ से यह निर्देश आया है.
जामिया समन्वय समिति ने केंद्र सरकार से एनपीआर की प्रक्रिया को तुरंत बंद करने की अपील की. इसके साथ ही शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों से भी अपना आंदोलन स्थगित करने का आग्रह किया गया.
शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ बैठी महिलाओं का कहना है कि मज़हबी होने का मतलब कट्टरता नहीं बल्कि भाईचारा है. हम हर मज़हब और उसके मानने वालों की इज्ज़त करते हैं. सब अपने-अपने दस्तूर मानें और माननें दें.
नागरिकता संशोधन क़ानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र संसद तक मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे, जब उन्हें पुलिस द्वारा रोक दिया गया. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उनके निजी अंगों पर लाठी से वार किए गए, जिसमें कई छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं.
सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों में लंबे समय बाद हिंदू-मुस्लिम एकता वापस नज़र आ रही है, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा में बेचैनी देखी जा सकती है. ऐसी ही बैचेनी 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेज़ों में दिखी थी, जिससे निपटने के लिए उन्होंने फूट डालो-राज करो की नीति अपनाई थी.
वीडियो: दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाके में बुधवार दोपहर को प्रदर्शनकारियों ने बुर्का पहनकर पहुंची एक हिंदू महिला को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि महिला उनसे अजीबोगरीब सवाल कर रही थी और अपनी गलत पहचान बता रही थी.
दिल्ली पुलिस के डीसीपी राजेश देव के खिलाफ कड़ा संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि उनका बयान ‘पूरी तरह अवांछित’ था और उन्हें चुनावी कार्य से रोक दिया गया है. चुनाव आयोग ने कहा कि देव के व्यवहार से ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने पर असर पड़ेगा.’