जामिया मस्जिद जाने की अनुमति नहीं देने के ख़िलाफ़ मीरवाइज़ जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट पहुंचे

मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने अपनी याचिका में कहा है कि सितंबर 2023 में उन्हें नज़रबंदी से ​रिहा कर दिया गया था. हालांकि अक्टूबर 2023 से उन्हें जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं दी गई है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने केंद्रशासित प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए अंतिम अवसर दिया है.

जम्मू कश्मीर सरकार के चार कर्मचारी ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के आरोप में बर्ख़ास्त

बर्ख़ास्त किए गए कर्मचारियों में एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर में सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन) और डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. निसार-उल-हसन भी शामिल हैं. कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के कारण अप्रैल 2021 से अब तक लगभग 55 कर्मचारियों को जम्मू कश्मीर सरकार बर्ख़ास्त कर चुकी है.

जम्मू कश्मीर: श्रीनगर की जामिया मस्जिद में लगातार छठे शुक्रवार नमाज़ की अनुमति नहीं दी गई

मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने एक बयान के कहा कि शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ की अनुमति नहीं देने के अलावा मस्जिद के मुख्य मौलवी को लगातार नज़रबंद रखने का प्रशासन का फैसला परेशान करने वाला है. यह स्थिति प्रशासन द्वारा यहां के लिए किए गए सामान्य स्थिति के दावों को ख़ारिज करता है.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने डीजीपी दिलबाग सिंह को अपनी मर्ज़ी से डीएसपी का तबादला करने से रोका

जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अब से सरकार की पूर्व मंज़ूरी प्राप्त किए बिना डीएसपी स्तर पर कोई भी तबादला नहीं किया जाएगा और डीएसपी के तबादलों तथा पोस्टिंग के प्रस्ताव पूरे विवरण के साथ गृह विभाग को भेजे जाएं. लोगों ने इसे डीजीपी के अधिकार को कमज़ोर करने का प्रयास बताया है.

जम्मू कश्मीर प्रशासन चुनिंदा तरीके से कश्मीरी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहा है: महबूबा

पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की यह प्रतिक्रिया जम्मू कश्मीर बैंक द्वारा अपने मुख्य प्रबंधक सज्जाद अहमद बज़ाज़ को कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के आरोप में बर्ख़ास्त करने के एक दिन बाद आई है.

भाजपा नेता का पत्र: जम्मू कश्मीर में वही पुलिस अफसर तैनात करें जो पार्टी का समर्थन करते हों

जम्मू कश्मीर के भाजपा नेता मुहम्मद मकबूल वार का एक पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि बारामूला और सोपोर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार के आरोपों में भाजपा नेताओं को निशाना बना रहे थे. यह पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित है. उनके तबादले की मांग करते हुए उन्होंने कहा है कि उनके बदले उन्हीं अधिकारियों को तैनात किया जाए जो पार्टी नेताओं का सहयोग करें.

जम्मू कश्मीर: पीएसए मामलों में सुनवाई का अंतहीन इंतज़ार बंदियों-परिजनों की पीड़ा बढ़ा रहा है

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए गए लोगों के वकीलों और परिजनों का कहना है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इन मामलों को दैनिक कार्य सूची में इतना नीचे स्थान दिया जाता है कि ये सुनवाई के लिए जज तक पहुंच ही ​नहीं पाते हैं, जिससे क़ैद से लोगों का बाहर आना चुनौती बना हुआ है.

जम्मू कश्मीर: ब्लैकलिस्ट कंपनी द्वारा भर्ती परीक्षा कराने का विरोध कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज

एक ब्लैकलिस्ट कंपनी को जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के लिए भर्ती परीक्षा कराने का ठेका दिया गया है. इसका विरोध जताने के लिए तमाम युवा जम्मू समेत विभिन्न जगहों पर सड़क पर उतरे थे, जब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर हिरासत में ले लिया था.

जम्मू कश्मीर: हर परिवार को मिलेगी यूनिक आईडी, कई दलों ने चिंता जताई

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि हर परिवार के लिए एक यूनिक आईडी पेश की जाएगी. इससे परिवारों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक अपने आप पहुंच जाएगा. विपक्षी दलों ने कहा कि प्रशासन कर्मचारियों को डेटा संग्रह में व्यस्त रख रहा है, जबकि लोगों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.

जम्मू कश्मीर: शिकारे की मरम्मत पर प्रतिबंध ने मालिकों के सामने खड़ा किया आजीविका का संकट

जम्मू कश्मीर सरकार ने 1988 में प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण नए शिकारे के निर्माण और मौजूदा शिकारे की मरम्मत व नवीनीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2009 में अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट को यह बताने के बाद कि शिकारा श्रीनगर के जल प्रदूषण का प्राथमिक स्रोत हैं, प्रतिबंध को फिर से लागू कर दिया गया था.

बलात्कारियों को सम्मानित किया जाता है, जबकि राजनीतिक क़ैदियों को ज़मानत नहीं मिलती: महबूबा

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हमारे हज़ारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है. सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गई है. अगर स्थिति सुधर गई होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.

कश्मीर घाटी से स्थानांतरण की मांग को लेकर कश्मीरी पंडितों का प्रदर्शन 70वें दिन भी जारी

कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की बीते 12 मई को आतंकियों द्वारा की गई हत्या के बाद से समुदाय के लोगों द्वारा कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर धरना प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों ने जम्मू कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से अपील की है कि उन्हें घाटी से बाहर भेजा जाए और जब तक सरकार इसके लिए क़दम नहीं उठाएगी, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.