जम्मू कश्मीर: सेवा नियमों में बदलाव; 5 साल उपयोग किए गए नंबर और ससुराल वालों की जानकारी देनी होगी

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 15 वर्ष की आयु से शैक्षणिक विवरण, स्वामित्व वाले या उपयोग किए गए वाहनों की पंजीकरण संख्या, ईमेल और सोशल मीडिया या वेब-आधारित पोर्टल खातों, बैंक और डाकघर खाता संख्या, विदेश यात्राओं (पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर सहित), क़र्ज़ आदि के बारे में भी जानकारी प्रदान करनी होगी.

जम्मू कश्मीर: अलगाववादी नेता की हिरासत के दौरान मौत के बाद उनके बेटे यूएपीए के तहत गिरफ़्तार

अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सेहराई जम्मू कश्मीर पुलिस की पीएसए के तहत निवारक हिरासत के दौरान अस्पताल में भर्ती थे, जहां पांच मई को उनकी मौत हो गई. आरोप है कि उनके जनाज़े में उनके दो बेटों- 35 वर्षीय राशिद सेहराई और 33 वर्षीय मुजाहिद सेहराई ने देशद्रोही नारे लगाए थे.

जम्मू कश्मीर: राज्य की सुरक्षा को ख़तरा बताते हुए दो और सरकारी कर्मचारी बर्ख़ास्त

इससे पहले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बीते 30 अप्रैल को कुपवाड़ा के एक सरकारी शिक्षक को राज्य की सुरक्षा को ख़तरा बताते हुए बर्ख़ास्त कर दिया था. केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक नया क़ानून लागू किया गया है, जिसके तहत ‘राज्य की सुरक्षा’ के ख़िलाफ़ संदिग्ध गतिविधियों वाले सरकारी कर्मचारियों को बिना जांच किए बर्ख़ास्त किया जा सकता है.

जम्मू कश्मीर: पहली बार एक शिक्षक को राज्य की सुरक्षा के हित में बर्ख़ास्त किया गया

जम्मू कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद यह देखा कि कुपवाड़ा के सरकारी स्कूल के शिक्षक इदरीस जान की गतिविधियां राज्य की सुरक्षा के हित में सेवा से उनकी बर्ख़ास्तगी की मांग करती हैं और इस मामले में जांच करना उचित नहीं है.

हिरासत में लिए गए रोहिंग्याओं को निर्धारित प्रक्रिया के बिना म्यांमार प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था.

जम्मू कश्मीर में रह रहे 150 से अधिक रोहिंग्याओं को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू

बीते छह मार्च को जम्मू शहर में सत्यापन अभियान के दौरान क़रीब 168 रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से रहते हुए पाए जाने पर उन्हें कठुआ जिले के एक विशेष केंद्र में भेज दिया गया था. आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और सांबा ज़िलों में रोहिंग्या मुसलमानों एवं बांग्लादेशियों समेत 13,700 से अधिक विदेशी बसे हुए हैं और उनकी जनसंख्या में 2008 से 2015 के बीच छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई.

जम्मू कश्मीर: रोहिंग्या शरणार्थियों की बायोमेट्रिक जानकारी जुटाने का काम शुरू, 168 लोगों को जेल

सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा ज़िलों में रह रहे हैं, जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई. कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों का आरोप है कि देश में उनकी उपस्थिति क्षेत्र की शांति के लिए ख़तरा है.

जम्मू कश्मीरः उमर अब्दुल्ला का दावा- उन्हें और उनके परिवार को नज़रबंद किया गया

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविववार को एक ट्वीट में कहा, 'अगस्त 2019 के बाद यह नया जम्मू कश्मीर है. हमें बिना कारण बताए हमारे घरों में क़ैद कर दिया गया है.' वहीं श्रीनगर पुलिस का कहना है कि पुलवामा हमले की बरसी के चलते वीआईपी और अन्य लोगों की आवाजाही कम की गई है.

भारत: साल 2021 में अब तक सरकारों द्वारा कम से कम 10 बार इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई

सिर्फ 2019 और 2020 में ही भारत में 13,000 घंटे से अधिक समय तक इंटरनेट बंद रहा. किसी भी चुनी गई सरकार द्वारा सबसे लंबे समय यानी 552 दिनों के लिए 4जी इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध जम्मू कश्मीर में लगाया गया था. इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है.

अगस्त 2019 के बाद पहली बार पूरे जम्मू कश्मीर में बहाल होगी 4जी इंटरनेट सेवा

केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर, और लद्दाख में बांट दिया गया था. मार्च, 2020 में 2जी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान भी उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध जारी था.

जम्मू कश्मीर: ‘देशविरोधी’, ‘कट्टरतावादी’ पोस्ट पर नज़र रखेगी पुलिस, रखे जाएंगे साइबर वालंटियर

जम्मू कश्मीर पुलिस ने लोगों से ‘साइबर क्राइम वालंटियर’ बनने की अपील की है, जो ऑनलाइन उपलब्ध ग़ैर क़ानूनी बातें जैसे चाइल्ड पोर्नोग्राफी, आतंकवाद, कट्टरता, राष्ट्रविरोध आदि के बारे में सरकार को बताएंगे. कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसे सत्ता के ख़िलाफ़ बोलने वालों के विरुद्ध इस्तेमाल किया जा सकता है.

जम्मू के साथ भेदभाव के आरोप के बाद केंद्रशासित राज्य प्रशासन ने नौकरी का विज्ञापन रद्द किया

जम्मू कश्मीर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने एक जनवरी को कृषि विभाग में भर्ती के लिए आवेदन मंगाया था. कश्मीर में 136 और जम्मू में 20 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. कृषि स्नातकों ने केंद्र शासित राज्य प्रशासन पर जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में पदों की संख्या को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया था.

जम्मू कश्मीर: डोमिसाइल सर्टिफिकेट मिलने के बाद कारोबारी की हत्या, आतंकियों ने दी और हमलों की चेतावनी

मूल रूप से पंजाब के रहने वाले श्रीनगर के 70 वर्षीय कारोबारी सतपाल निश्चल को कुछ हफ्ते पहले नए नियमों के तहत डोमिसाइल प्रमाणपत्र मिला था. एक आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने उन पर हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा है कि डोमिसाइल प्रमाणपत्र हासिल करने वाले ऐसे सभी बाहरी आरएसएस एजेंट्स हैं.

रोशनी क़ानून पर पुनर्विचार याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, हाईकोर्ट से फ़ैसला लेने कहा

रोशनी क़ानून निरस्त करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर पुनर्विचार याचिकाएं सुनने से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दो समानांतर कार्यवाही नहीं चल सकतीं. सभी याचिकाकर्ताओं को पुनर्विचार करने वाली पीठ के पास जाना चाहिए और उच्च न्यायालय को इन सभी को सुनना चाहिए.

जम्मू कश्मीर: क्या है रोशनी क़ानून और इसे लेकर विवाद क्यों मचा हुआ है

साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला सरकार सरकारी ज़मीन पर काबिज़ लोगों को उसका मालिकाना हक़ दिलाने के लिए रोशनी क़ानून लेकर आई थी. साल 2014 में कैग ने इसे 25 हज़ार करोड़ का घोटाला क़रार दिया. अब जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने रोशनी क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं.

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