जम्मू कश्मीर को लेकर गठित तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग ने अंतिम आदेश में जम्मू में छह, जबकि कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. वहीं, राजौरी और पुंछ के क्षेत्रों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाया गया है. 12 सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया है. घाटी राजनीतिक दलों ने आदेश को ख़ारिज करते हुए कहा कि यह घाटी में राजनीतिक रूप से लोगों को कमज़ोर करने का प्रयास है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि जम्मू कश्मीर में 2014 से 2019 तक पांच साल में कम से कम 177 नागरिक और 406 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य में 2019 से अब तक आतंकवादियों के हाथों चार कश्मीरी पंडित सहित 14 हिंदू मारे गए.
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सूबे के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में ज़मीनें खरीदी हैं. ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदेरबल ज़िलों में हैं.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने इस देश का विभाजन किया. आज एक बार फिर देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है. ये लोग (भाजपा) एक और विभाजन चाहते हैं. उन्होंने पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की उनकी ‘धर्मनिरपेक्षता’ और देश को विकास और समृद्धि की राह पर ले जाने के लिए प्रशंसा की.
जम्मू एवं कश्मीर परिसीमन आयोग ने भारत और जम्मू एवं कश्मीर के राजपत्रों में प्रकाशित अपनी अंतिम रिपोर्ट में लोकसभा क्षेत्रों की संख्या पांच ही रखने, जबकि विधानसभा सीटों की संख्या वर्तमान 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है.
जम्मू कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों का नए सिरे से परिसीमन करने के लिए गठित आयोग का कार्यकाल 6 मार्च को ख़त्म होना था, लेकिन क़ानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार इसे दो महीने बढ़ाकर 6 मई तक कर दिया गया है. मार्च 2020 में गठित इस आयोग को पिछले साल भी एक साल का विस्तार दिया गया था.
पिछले दो दशकों से विभिन्न विभागों में काम कर रहे 60,000 से अधिक दिहाड़ी कर्मी, आकस्मिक कामगार और अन्य कर्मचारी नौकरी नियमित करने व लंबित बकाया राशि जारी करने समेत कई मांगों को लेकर जम्मू और श्रीनगर में नियमित रूप से प्रदर्शन करते आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे सरकार के जिद्दी, कर्मचारी विरोधी रवैये से आजिज़ आ गए हैं. भाजपा नेताओं ने उन्हें सिर्फ बेवकूफ़ बनाया है.
परिसीमन आयोग ने अपनी दूसरी मसौदा रिपोर्ट में सुचेतगढ़ विधानसभा सीट का आरएस पुरा सीट में विलय करने का प्रस्ताव दिया है. इस तरह सुचेतगढ़ विधानसभा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, जिसके विरोध में भाजपा के करीब 200 स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफ़ा दे दिया है.
जम्मू विकास प्राधिकरण की अतिक्रमण हटाने की मुहिम ने क्षेत्र में विरोध भड़का दिया है. आरोप हैं कि प्रशासन मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए चुनिंदा कार्रवाई कर रहा है.
परिसीमन आयोग ने 16 सीट अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित करते हुए जम्मू क्षेत्र में छह और कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी का मानना है कि परिसीमन की क़वायद का मूल आधार ही अवैध है.
विधानसभा क्षेत्रों की सीमा को नए सिरे से निर्धारित करने के मक़सद से गठित परिसीमन आयोग के इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए पीडीपी, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने कहा कि आयोग ने उसकी सिफ़ारिशों में आंकड़ों के बजाय भाजपा के राजनीतिक एजेंडा को तरजीह दी है.
पुलिस अधिकारियों ने का कहना है कि इंटरनेट बंद करने और दोपहिया वाहनों को ज़ब्त करने का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से कोई लेना-देना नहीं है. यह आतंकवाद रोधी नियमित उपायों का हिस्सा है. शाह तीन दिवसीय दौरे के लिए शनिवार को श्रीनगर पहुंचेंगे और सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करेंगे.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जम्मू कश्मीर में बिहार के मज़दूरों की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि हमें भरोसा है कि प्रशासन बिहार के लोगों की सुरक्षा का इंतज़ाम करेगा, ताकि आतंकी इस तरह की घटना को अंजाम न दे सके. बीते 17 अक्टूबर को आतंकवादियों ने बिहार के दो मज़दूरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस महीने आतंकियों द्वारा नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
घटना कुलगाम ज़िले में हुई है. यह मिलिटेंट संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' के संस्थापक अब्बास शेख का गृह ज़िला है, जिसने सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ कश्मीर में रहने वाले स्थानीय और ग़ैर-स्थानीय अल्पसंख्यकों पर हाल के अधिकांश हमलों की ज़िम्मेदारी ली है. इस महीने अब तक नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
बीते आठ अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के रामबन ज़िले के तीन ब्लॉकों- बनिहाल, रामसू और उखराल के क़रीब 70 सरपंचों और पंचों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सामूहिक इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधियों ने वादों के अनुसार सशक्तिरण नहीं करने, अनावश्यक हस्तक्षेप और केंद्रशासित प्रदेश में जनता तक पहुंचने के कार्यक्रमों में प्रशासन द्वारा उनकी अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया था.