बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल रहीं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में ज़मीनी स्थिति वैसी नहीं है जैसी दुनिया के सामने पेश की जा रही है. किसी के ख़िलाफ़ शिकायत हो है, तो उसे ऐहतियाती हिरासत में डाल दिया जाता है, ट्विटर पर असल भावना लिखने पर जेल हो जाती है. क्या इसे ही लोकतंत्र कहा जाता है.
वीडियो: केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 24 जून को सर्वदलीय बैठक हुई. इस बारे में श्रीनगर से वरिष्ठ पत्रकार गौहर गिलानी, जम्मू से वरिष्ठ पत्रकार अनुराधा भसीन और द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से आरफ़ा ख़ानम़ शेरवानी की बातचीत.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर दलों ने राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल करने की मांग उठाई. बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और माकपा के गठबंधन ‘गुपकर’ ने भी इस बैठक में शामिल होने की बात कही है.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं. यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी.
केंद्रशासित जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बीते छह जून को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक बैठक में शामिल हुए थे. इसके बाद से एक तरफ़ जहां जम्मू को अलग राज्य बनाने की अफ़वाह गर्म है, दूसरी ओर ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने पर विचार कर सकती है.
जम्मू कश्मीर सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने एक जनवरी को कृषि विभाग में भर्ती के लिए आवेदन मंगाया था. कश्मीर में 136 और जम्मू में 20 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. कृषि स्नातकों ने केंद्र शासित राज्य प्रशासन पर जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में पदों की संख्या को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया था.
जम्मू में बीते 18 जून को कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के दौरान उनके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. परिजनों को आरोप है कि दोनों की मौत प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. भीषण गर्मी के बावजूद उन्हें पीपीई किट पहनाकर एक श्मशान भूमि से दूसरे श्मशान भूमि घुमाया गया. पानी की कमी से उनकी मौत हो गई.
घटना गुरुवार को उस समय हुई, जब एक 65 वर्षीय कोरोना संक्रमित व्यक्ति के दाह संस्कार के लिए उनके बेटे के साथ परिवार के दो लोग जा रहे थे. बताया गया कि तीनों ने पीपीई किट पहन रखी थी और बेहद गर्मी के चलते वे बेहोश हो गए. इनमें से दो की मौत हो गई, एक अस्पताल में भर्ती है.
जम्मू के दूध उत्पादक गुज्जर समुदाय का कहना है कि दिल्ली में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल कई लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से उन्हें इससे जोड़कर 'नफ़रत भरा अभियान' चलाते हुए कहा गया कि वे संक्रमण ला रहे हैं इसलिए उनसे दूध न खरीदा जाए.
जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी की गिरफ़्तारी के बाद जम्मू की कोट भलवाल केंद्रीय जेल की तलाशी ली गई थी, जब पाकिस्तानी आतंकी की बैरक से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड बरामद किए गए.
पुराने जम्मू में वाणिज्यिक केंद्र रहे ऐतिहासिक सिटी चौक का नाम बदलने के फैसले को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया आई, जिनमें से अधिकांश लोगों ने फैसले का स्वागत किया, लेकिन जेएमसी से नाम बदलने के बजाय विकास और स्वच्छता पर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया.
विशेष रिपोर्ट: 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में बिहार के रहने वाले दो सीआरपीएफ जवान भी शहीद हुए थे. हमले के एक साल बाद इनके परिजनों का कहना है कि शहादत के बाद सरकार की तरफ से बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन सारे कागज़ी निकले.
केंद्र सरकार के पांच अगस्त के फैसले के अनुसार जम्मू कश्मीर को विभाजित कर दो केंद्रशासित प्रदेश- जम्मू कश्मीर और लद्दाख बना दिया गया है.
लद्दाख से भाजपा सांसद जमयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘फॉरवर्ड पॉलिसी' अपनाई जिसमें कहा गया कि हमें एक-एक इंच चीन की ओर बढ़ना चाहिए. इसके कार्यान्वयन के दौरान यह ‘बैकवर्ड पॉलिसी' बन गई.