1920 के दशक में भारत का पहला बांध-विरोधी आंदोलन पश्चिम महाराष्ट्र्र में पुणे के पास मुला-मुठा नदी के संगम पर टाटा कंपनी द्वारा बनाए गए मुलशी बांध के ख़िलाफ़ था. सेनापति बापट और विनायकराव भुस्कुटे की अगुवाई हुए आंदोलन के बावजूद कंपनी बांध बनाने में सफल रही, जिससे आज भी यहां के रहवासी प्रभावित हैं.