कर्नाटक विधानसभा के बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले जल संसाधन मंत्री रमेश जारकिहोली के ख़िलाफ़ इस तरह के आरोप लगने से बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आलोचनाओं से घिर गई थी. राज्य में विपक्षी कांग्रेस और जेडीएस मंत्री के इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.
भाजपा के विधान परिषद सदस्य एएच विश्वनाथ उन 17 विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें कर्नाटक विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया था और इसी कारण एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली तत्कालीन जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी.
कर्नाटक के बेंगलुरु शहरी ज़िला स्थित आरआर नगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार एन. मुनिरत्न और तुमकुरु ज़िले की सिरा सीट पर पार्टी उम्मीदवार बीएम राजेश गौड़ा विजयी रहे.
इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेस और जेडीएस के उन सभी 17 विधायकों को मंत्री पद देने का वादा किया था, जिन्होंने 2019 में भाजपा को सरकार बनाने में मदद की थी. 17 में से 15 सीटों पर पिछले साल दिसंबर में उपचुनाव हुआ था, जबकि दो सीटों पर तीन नवंबर को मतदान हो रहा है.
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने भारत-चीन गतिरोध को लेकर दिए जा रहे बयानों पर कहा कि यह समय भड़काऊ भाषा तथा बदला लेने का नहीं है. अनुचित बयानबाज़ी से भारतीय सैनिकों तथा राजनयिक स्टाफ के जीवन के लिए जोखिम पैदा होगा.
कर्नाटक से चार राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना था, हालांकि इसके लिए मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि किसी भी दल ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा नहीं किया.
लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कर्नाटक के रामनगर ज़िले के भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अब तक रामनगर कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित है. अगर ज़िले में यह वायरस फैलता है तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी देवेगौड़ा परिवार की होगी. जद (एस) ने आरोपों का खंडन किया है.
लौह अयस्क समृद्ध बेल्लारी जिले से चार बार के विधायक आनंद सिंह को सोमवार को कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बनाया गया था लेकिन पोर्टफोलियों में बदलाव की मांग के एक दिन बाद ही उन्हें वन, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी मंत्री बना दिया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और दिनेश गुंडू राव ने पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों की बगावत के बाद कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार जुलाई में गिर गई थी. बागी विधायकों को अयोग्य क़रार दिए जाने के कारण ये उपचुनाव कराया गया.
लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग की छापेमारी का पूर्व मुख्यमंत्रियों- सिद्धारमैया और कुमारस्वामी के साथ तत्कालीन कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के सांसदों और विधायकों ने विरोध किया था. अदालत ने पुलिस को आपराधिक षड्यंत्र रचने और भारत सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने की कोशिश करने के लिए मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों की अयोग्यता बरकरार रखते हुए उन्हें आगामी उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी. बीते जुलाई महीने में इन विधायकों को तत्कालीन विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किया गया था.
कांग्रेस-जेडीएस के 17 विधायकों ने तत्कालीन विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने के ख़िलाफ़ याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में उन्होंने स्पीकर द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती दी थी.
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाएं शीर्ष अदालत में लंबित होने के कारण 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव को पांच दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था.
कर्नाटक के कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की गिरफ़्तारी से नाराज कांग्रेस समर्थक बंगलुरु सहित राज्य के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने शिवकुमार की गिरफ्तारी के विरोध में राज्यव्यापी बंद बुलाया है.
कुमारस्वामी सरकार पर लगे फोन टैपिंग के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि वह कांग्रेस के कई नेताओं की मांग पर इन आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश देंगे.