कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या को लेकर राजस्थान के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मैं माता-पिता को बताना चाहता हूं कि आप कोचिंग सेंटरों को पैसा देते हैं और वे आपके बच्चों को धमकाते और परेशान करते हैं. कोचिंग वालों को दुर्व्यवहार करने का क्या अधिकार है?
राजस्थान के कोटा में दो अलग-अलग घटनाओं में नीट की तैयारी कर रहे दो छात्रों की कथित तौर पर बीते रविवार को आत्महत्या से मौत के मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही इस साल ऐसे छात्रों की संख्या 23 हो गई है. कोटा ज़िले के अधिकारियों ने इसे देखते हुए अगले दो महीने तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के नियमित टेस्ट नहीं कराने को कहा है.
राजस्थान के कोटा में बीते 15 अगस्त को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहे बिहार के एक 18 वर्षीय छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. तैयारी करने वाले छात्रों द्वारा ज़िले में इस महीने की ऐसी चौथी और इस साल की 21वीं घटना है, जो आठ वर्षों में सबसे अधिक है.
पुलिस ने बताया कि महावीर नगर के एक हॉस्टल में रहकर जेईई की तैयारी कर रहे एक 17 वर्षीय छात्र ने आत्महत्या कर ली. यह इस महीने हुई ऐसी तीसरी घटना है. अब तक इस साल कोटा में 20 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं.
मृतक बिहार के चंपारण ज़िले का 17 वर्षीय 12वीं का छात्र था, जो मार्च में कोटा पहुंचा था और एक कोचिंग संस्थान में जेईई की तैयारी कर रहा था. इससे पहले तीन अगस्त को नीट की तैयारी करने वाले एक छात्र के ख़ुदकुशी की घटना सामने आई थी.
उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के रहने वाले 17 वर्षीय बहादुर सिंह 11वीं के छात्र थे और दो महीने पहले ही कोटा आए थे. यहां वह एक कोचिंग संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहे थे. कोटा शहर में इस साल कोचिंग लेने वाले छात्रों द्वारा संदिग्ध आत्महत्या का यह 15वां मामला है.